धर्मांतरण से तबाह हो रही संस्कृति, सरकार मौन : पूर्णिमा
रांची, 18 मार्च । भाजपा विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि राज्य में धर्मांतरण से आदि काल की संस्कृति तबाह की जा रही है, लेकिन वोट बैंक की खातिर राज्य सरकार चुप बैठी है। उन्होंने कहा कि अबुआ राज्य की बात सरकार कहती है, लेकिन आदिवासियों को सरना स्थल के सामने फ्लाईओवर निर्माण में सुधार को लेकर आंदोलन करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे आदिवासी युवती के विवाह के बाद जमीन का मालिकाना हक उसी के पास रहे, पति के पास नहीं। इससे धर्मांतरण और घुसपैठ पर रोक लगेगी और आदिवासियों की जमीन बची रहेगी।
उन्होंने सरकार से युवाओं को रोजगार देने के लिए रोजगार कैलेंडर जारी करने की मांग की। विधायक ने कहा कि महज 1100 करोड़ से जनजातियों का कल्याण कहां से संभव है। उन्होंने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की ओर से आदिवासियों के कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाओं को भी गिनाया और तत्कालीन सरकार की आलोचना को राजनीति से प्रेरित बताया।
इसपर मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि जिनके परिवार के लोगों ने सीएनटी में बदलाव किया वे आदिवासी हितैषी बन रहे हैं। इसपर विपक्ष के सदस्यों ने मंत्री की ओर से बीच में टोकाटोकी करने पर हंगामा किया और स्पीकर से मंत्री को बैठाने का आग्रह किया।
वहीं इस मामले पर स्पीकर ने कहा कि मंत्री हैं इसलिए उनकी बाध्यता है कि वे उनके नाम को पुकारें।
70 में से 30-35 लाख महिलाओं को ही लाभ
विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि मंईयां सम्मान के नाम पर लोगों से वोट लेनेवाली सरकार राज्य की महिलाओं से धोखा दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 18 से 50 साल की महिलाओं की संख्या 70 लाख है, लेकिन सरकार बनने के बाद केवल 57 लाख को इस योजना का लाभ दिया गया। इसके बाद लाभुकों की संख्या में कमी करके इसे महज 30-35 लाख कर दिया गया। उन्होंने कहा कि 450 रुपए में गैस सिलिंडर देने का वादा भी सरकार भूल गई। राज्य में 11112 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के कमरों में चल रहे हैं, जबकि सरकार की ओर से इस बार महज 2500 आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है।
मंईयां योजना के पैसे से महिलाएं हो रही सशक्त : कल्पना
झामुमो की विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि मंईयां सम्मान योजना की राशि से महिलाएं अपने बच्चों को पोषण, उनकी शिक्षा और छोटा-मोटा रोजगार कर स्वावलंबी बन रही हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार राज्य के 32 लोगों को सर्वजन पेंशन का लाभ दे रही है। उन्होंंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने वृद्धावस्थाा और विधवा पेंशन के लिए पर्याप्त राशि नहीं दे रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से इसे केंद्रांश की राशि 300 से बढ़ाकर 500 या 1000 रुपए करने की मांग की। वहीं झामुमो के विधायक हेमलाल मुर्मू ने विभागीय मंत्री से आदिवासियों के लिए आंध्र प्रदेश की तर्ज पर एक अलग से आइएएस अधिकारी नियुक्त करने की मांग की जो आदिवासियों की मांग और उनके कार्यों को करे।