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मनी लांड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज राकेश स्याल ने 15 अक्टूबर को जमानत याचिका पर फैसला सुनाने का आदेश दिया।

सत्येंद्र जैन की आज इस मामले में न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। इसके पहले 19 सितंबर को पेशी के दौरान सत्येंद्र जैन ने मीडिया से कहा था कि सत्य की जीत होगी। सत्येंद्र जैन ने दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रायल कोर्ट की ओर से समन जारी करने के आदेश को चुनौती दी है। सत्येन्द्र जैन की याचिका पर 25 जुलाई को हाई कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील विवेक गुरनानी ने इस मामले में ईडी को नोटिस करने का विरोध करते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन को जुलाई, 2022 में ही समन जारी किया गया था, लेकिन डिफॉल्ट जमानत का ईडी के विरोध करने पर ये याचिका दायर की है। ईडी की दलीलों को दरकिनार करते हुए हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि वे सभी सवालों का जवाब बहस के दौरान देंगे।

जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हैं। इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपित बनाया गया है। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 में गिरफ्तार किया था।

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