बंगाल के कॉलेजों में दाखिले में गिरावट शिक्षा में राजनीतिक हस्तक्षेप का नतीजा : दिलीप घोष
कोलकाता: पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के कॉलेजों में दाखिले में गिरावट इस वर्ष भी जारी है। घोष ने दावा किया कि भारी भरकम फीस और राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण अच्छे अंक पाने वाले छात्र राज्य के कॉलेजों में दाखिला नहीं ले रहे हैं।
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर गुरुवार सुबह दिलीप घोष ने लिखा, ”विभिन्न कॉलेजों में हर साल सीटें खाली रह जाती हैं। यह प्रवृत्ति नहीं बदली है। उदाहरण के लिए, बनगांव नेताजी महाविद्यालय में ऑनर्स कोर्स की कुल 1,622 सीटों में से अब तक केवल 146 सीटें ही भर पाई हैं।
राज्य के बाकी कॉलेजों में क्या स्थिति है? अच्छी खासी फीस और कई तरह की बाधाओं के कारण अच्छे अंक पाने वाले छात्र दाखिला नहीं ले रहे हैं और शिक्षा क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप का नतीजा साफ दिख रहा है।
जिस राज्य में शिक्षा कमजोर हो, रोजगार के अवसर न हों, व्यापार करने के लिए माहौल अनुकूल न हो, जहां अन्य संस्थान न हों, क्या यह स्वाभाविक नहीं है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम हो रही है?”
उल्लेखनीय है कि जुलाई महीने के शुरुआत में में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने दावा किया था कि बंगाल में शिक्षा का भविष्य उज्जवल है और बंगाल के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, असम और बिहार के छात्र भी बंगाल के कॉलेजों में नामांकन के लिए आवेदन कर रहे हैं।