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पर्यावरण संरक्षण पर अन्य देशों को साथ लेकर काम करें विकसित देश : उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली, 30 मार्च । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पर्यावरण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण के मुद्दे पर विकसित देश खुद को अलग नहीं कर सकते। उन्हें ऐसे मॉडल को अपनाना चाहिए जिससे धरती का स्वास्थ्य, मानव समृद्धि और कल्याण हो।

उन्होंने कहा, “पर्यावरण के मुद्दे पर विकसित देश खुद को यह मानते हुए अलग नहीं कर सकते कि उनके पास एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र उत्पन्न करने के लिए तकनीकी साधन हैं। यह कुछ वर्षों तक रह सकता है लेकिन हमेशा के लिए नहीं। यदि वे वैश्विक समुदाय के साथ शामिल नहीं होते हैं तो उनके लिए खतरा सामने खड़ा है।”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पर्यावरण न्याय अक्सर देरी, अस्वीकार करने, निपटान करने और उलझा देने के कुचक्र का शिकार है, जिसे तोड़ा जाना चाहिए। उन्हें खुशी है कि एनजीटी सभी मोर्चों पर संवेदनशीलता से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ राय की उपलब्धता में विशेषज्ञ संस्था के काम करने से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में होने वाली देरी कम होती है।

भोपाल गैस लीक मामले का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि अब भी इससे जुड़े पाठ हम सीख रहे हैं। यह पर्यावरण से जुड़ी बड़ी लापरवाही थी। 2015 में 30 साल के अंतराल के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने पीड़ितों को मुआवजे का निपटारा किया। हमारे पास तब एनजीटी या एक नियामक संस्था नहीं थी।

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