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संविधान के मार्गदर्शन में हो रहा है विकसित भारत का निर्माण: मोदी

नयी दिल्ली, 26 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान को वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक बताते हुए मंगलवार को कहा कि इसकी मूल भावना के अनुसार ही उनकी सरकार विकसित भारत का निर्माण कर रही है।
संविधान दिवस के अवसर पर उच्चतम न्यायालय की ओर से आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमारा संविधान हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। आज हर देशवासी का एक ही ध्येय है- विकसित भारत का निर्माण। सरकार लगातार इसी दिशा में काम कर रही है।”
उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। संविधान हमें मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में सही रास्ता दिखा रहा है। अब भारत के भविष्य का मार्ग बड़े सपनों और बड़े संकल्पों को प्राप्त करने का है। आज प्रत्येक नागरिक का लक्ष्य विकसित भारत का निर्माण करना है।
उन्होंने आगे कहा कि विकसित भारत का मतलब एक ऐसा स्थान है, जहां प्रत्येक नागरिक को जीवन की गुणवत्ता और सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने का एक बड़ा माध्यम है और संविधान की भी यही भावना है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उनमें पिछले दशक में 53 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खोलना शामिल है। ये लोग अब तक बैंक की सेवा नहीं ले पा रहे थे।
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में चार करोड़ लोगों को पक्के घर सुनिश्चित किए गए, 10 करोड़ घरेलू महिलाओं को एलपीजी गैस सिलेंडर कनेक्शन दिए गए।
श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आजादी के 75 साल बाद भी भारत में केवल 3 करोड़ घर ऐसे थे जिनमें घरेलू नल कनेक्शन थे। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी सरकार ने पिछले 5-6 वर्षों में 12 करोड़ से अधिक घरेलू नल जल कनेक्शन दिए हैं, जिससे नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं का जीवन आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे संविधान की भावना मजबूत हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान की मूल प्रति में भगवान राम, देवी सीता, भगवान हनुमान, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर और गुरु गोविंद सिंह की तस्वीरें थीं।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के इन प्रतीकों को संविधान में जगह दी गई ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह हमें मानवीय मूल्यों के प्रति निरंतर जागरूक और सचेत रखे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मानवीय मूल्य आज की भारतीय नीतियों और निर्णयों का आधार हैं।”
उन्होंने कहा कि नागरिकों को न्याय की त्वरित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए भारतीय न्याय संहिता लागू की गई थी।
उन्होंने आगे कहा कि दंड आधारित प्रणाली अब न्याय आधारित प्रणाली में बदल गई है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर के लोगों की पहचान और अधिकार सुनिश्चित करने और दिव्यांगजनों के जीवन को आसान बनाने के लिए कदम उठाए गए।
श्री मोदी ने कहा कि आज देश के नागरिकों के जीवन को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है। वरिष्ठ नागरिकों को उनके दरवाजे पर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र दिए गए, जिसका लाभ अब तक लगभग 1.5 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने उठाया है।
उन्होंने कहा कि भारत उन देशों में से एक है, जहां हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है और भारत ऐसा ही एक देश है, जिसने 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं दी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में हजारों जन औषधि केंद्रों पर दवाइयां 80 फीसदी की छूट पर बेची जा रही हैं।
श्री मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से बच्चों के बीच टीकाकरण कवरेज 100 फीसदी के करीब पहुंच गया है, जबकि पहले यह 60‌ फीसदी से भी कम कवरेज था। आज दूरदराज के गांवों में बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। इन प्रयासों से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की बहुत सारी परेशानियां कम हुई हैं।
श्री मोदी ने कहा कि 100 से अधिक पिछड़े जिलों को चुना गया है और हर विकासात्मक मानदंड में गति बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि आज ऐसे कई जिलों ने कई अन्य जिलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ‘आकांक्षी जिला कार्यक्रम’ के मॉडल पर आधारित ‘आकांक्षी ब्लॉक’ कार्यक्रम शुरू किया है।
उन्होंने दावा किया है सरकार नागरिकों के जीवन में कठिनाइयों को दूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से 2.5 करोड़ से अधिक घरों में बिजली पहुंचाई गई है, जिनके पास कुछ साल पहले तक बिजली कनेक्शन नहीं था।
उन्होंने यह भी कहा कि 4जी और 5जी प्रौद्योगिकियों के माध्यम से लोगों को मोबाइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप के द्वीपों में अब अंडरवाटर ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन के माध्यम से हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने घरों और कृषि भूमि के भूमि रिकॉर्ड सुनिश्चित करने में विकसित देशों से बढ़त हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना के तहत गांव की जमीन और घरों की ड्रोन मैपिंग की गई और उसके आधार पर कानूनी दस्तावेज जारी किए गए।
श्री मोदी ने कहा कि देश के विकास के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास एक बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने से पैसे की बचत होती है और साथ ही परियोजना की उपयोगिता भी सुनिश्चित होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में प्रगति मंच का उपयोग करके बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की गई। अब तक 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की गई और उनके सामने आने वाली बाधाओं को दूर किया गया।
श्री मोदी ने कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के समय पर पूरा होने से लोगों के जीवन पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास देश की प्रगति सुनिश्चित करने के साथ-साथ संविधान की मूल भावना को भी मजबूत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान की मूल भावना के अनुसार लोगों को न्याय दिलाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
श्री मोदी ने कहा, “हमारा संविधान हमारे वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक है।” उन्होंने कहा कि संविधान ने पिछले 75 वर्षों में सामने आई विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सही रास्ता दिखाया है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान ने भारतीय लोकतंत्र के सामने आए आपातकाल के खतरनाक समय का भी सामना किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान ने देश की हर जरूरत और उम्मीद को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा दी गई शक्ति के कारण ही डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान आज जम्मू-कश्मीर में भी लागू है। आज पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाया गया।
श्री मोदी ने कहा, “हमारे संविधान निर्माता ये जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं, भारत के सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे। वो जानते थे कि आजाद भारत की और भारत के नागरिकों की ज़रूरतें बदलेंगी, चुनौतियां बदलेंगी। इसलिए उन्होंने हमारे संविधान को महज कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा, बल्कि इसको एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान की भावना के अनुसार बदलाव किए जा रहे है और इसका लाभ आम नागरिकों को मिल रहा है।
उन्होंने कहा, “भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। दंड आधारित व्यवस्था और न्याय आधारित व्यवस्था में बदल चुकी है।”
श्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिनिधियों और नागरिकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के 75वें वर्ष का होना अत्यंत गौरव की बात है। उन्होंने इस अवसर पर संविधान सभा के सदस्यों और संविधान को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम संविधान दिवस मना रहे हैं, तो यह नहीं भूलना चाहिए कि आज मुंबई आतंकवादी हमलों की भी बरसी है। उन्होंने आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। श्री मोदी ने दोहराया कि भारत हर उस आतंकवादी संगठन को करारा जवाब देगा जो भारत की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा है।
संबोधन का समापन करते हुए श्री मोदी ने 26 नवंबर 1949 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद के भाषण की पंक्तियों को उद्धृत किया और कहा, “आज भारत को ईमानदार लोगों के एक समूह की आवश्यकता है, जो राष्ट्र के हितों को अपने हितों से ऊपर रखेंगे।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम की यह भावना आने वाली सदियों तक भारत के संविधान को जीवित रखेगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 जारी की।
समारोह में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल, बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमनी समेत, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, उच्चतम अदालत और उच्च न्यायालय के अनेक वर्तमान और पूर्व न्यायाधीश समेत अनेक गनमाण्य लोग मौजूद थे।

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