Devendra Fadnavis : शिवसेना का हिंदुत्व कागज और भाषण तक : देवेंद्र फडणवीस
मुंबई, 24 जनवरी । महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व सिर्फ कागज और भाषण तक ही सीमित है। अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराने के समय कोई भी शिवसैनिक घटनास्थल पर उपस्थित नहीं था। भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने कारसेवक के रूप में तब लाठियां खाई थीं और अब राममंदिर का निर्माण होने जा रहा है। शिवसेना राममंदिर निर्माण का श्रेय अब लेने के लिए भाषणबाजी कर रही है।
देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि राममंदिर के लिए शिवसेना का कोई योगदान नहीं रहा है। रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अनायास अपने भाषण में हिंदुत्व का उल्लेख कर रहे थे। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब के जन्म दिन पर उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने सिर्फ निराशा में भाषणबाजी की । महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे औरंगाबाद, उस्मानाबाद जिले का नाम बदल नहीं सके हैं। कल्याण में दुर्गाणी व मलंगगढ़ की समस्या सुलझा नहीं सके हैं। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में सुशासन लाने का प्रयास करना चाहिए। राज्य में इस समय भ्रष्टाचार चरम पर है। हर मंत्री खुद को मुख्यमंत्री समझते हुए काम कर रहा है। इससे राज्य की शासन प्रणाली बेपटरी हो गयी है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में शिवसेना की स्थापना से पहले भाजपा का अस्तित्व था, यह उद्धव ठाकरे को नहीं भूलना चाहिए। यहां तक कि शिवसेना नेता व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी भी 1984 में शिवसेना के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े थे। इसलिए उद्धव ठाकरे को भाजपा के बारे में सब कुछ याद कर के ही बोलना चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 25 साल तक भाजपा के साथ गठबंधन में सड़ने जैसे वक्तव्य पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस वक्तव्य से उद्धव ठाकरे खुद अपने पिता शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के निर्णय पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं। शिवसेना और भाजपा गठबंधन का निर्णय स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे का था और तब शिवसेना पहले व दूसरे नंबर पर रहा करती थी लेकिन अब शिवसेना चौथे नंबर पर पहुंच गई है।
(हि.स.)