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देवव्रत ने 10 एकड़ जमीन के लिए करायी अनिल टाइगर की हत्या

रांची, 10 अप्रैल । रांची पुलिस ने भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या का खुलासा करते हुए चार अपराधियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अपराधियों में अमन सिंह, जिसान अख्तर, मनीष चौरसिया और अजय कुमार रजक शामिल है। इनके पास से चार मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद की गयी।

डीआईजी और एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अनिल टाइगर की हत्या 10 एकड़ जमीन को लेकर हुई थी। उनकी हत्या की वजह पहले जमीन पर कब्जा का विरोध करना और फिर कब्जा करने वालों से प्रति डिसमिल 50 हजार रुपये की मांग करना था।

अनिल टाइगर की हत्या गत 26 मार्च को कांके चौक पर अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी। इस घटना के विरोध में भाजपा और आजसू ने रांची बंद का आह्वान किया था। 27 मार्च को रांची बंद के दौरान शहर का जन-जीवन अस्त व्यस्त रहा था।

डीआईजी सह एसएसपी चंदन सिन्हा ने बताया कि घटना में देवव्रत नाथ शाहदेव, अभिषेक सिन्हा, रोहित वर्मा, अमन सिंह, जिशान अख्तर, मनीष, चौरसिया और अजय कुमार रजक की भूमिका पायी गई है।

एसएसपी के मुताबिक इनमें से चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में अमन सिंह, मनीष चौरसिया, जिशान अख्तर और अजय कुमार शामिल है। इस घटना में शामिल बाकी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है।

एसएसपी ने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला है कि 10 एकड़ जमीन पर देवव्रत नाथ शाहदेव के द्वारा कब्जा किया जा रहा था। ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे और भाजपा नेता अनिल टाइगर ग्रामीणों का सहयोग से कर रहे थे।

इस दौरान देवव्रत नाथ शाहदेव और अनिल महतो उर्फ अनिल टाइगर के बीच कई बार वार्ता हुई, जो विफल रही। वार्ता के दौरान ही वर्ष-2023 के अगस्त माह में देवव्रत नाथ शाहदेव द्वारा उक्त भूमि पर चाहरदिवारी का निर्माण कर जबरन दखल कब्जा किया जा रहा था। अनिल टाइगर ने ग्रामीणों के सहयोग से देवव्रत नाथ शाहदेव को जमीन कब्जा करने से रोक दिया था।

इसके बाद देवव्रत नाथ शाहदेव ने उक्त भूमि के केयर टेकर दिलीप कुमार मुंडा से कांके थाना में अनिल महतो सहित आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (कांड संख्या-215/2023 ) दर्ज कराया था। प्राथमिकी में 40-50 अज्ञात लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया था। सभी पर मारपीट, तोड़फोड़ करने और रंगदारी की मांगने का आरोप लगाया गया था।

इस घटना के बाद भी कई बार देवव्रत नाथ शाहदेव ने अपने सहयोगियों के माध्यम से उस जमीन पर दखल-कब्जा करने एवं बिक्री करने का प्रयास किया। लेकिन मृतक अनिल महतो ने देवव्रत नाथ शाहदेव का लगातार विरोध किया, जिसके परिमाणस्वरूप देवव्रत नाथ शाहदेव की ओर से उस भूमि पर न तो कब्जा किया जा सका और न ही उसकी बिक्री की जा सकी।

दिसंबर 2023 में देवव्रत नाथ शाहदेव के पक्ष में हरमू निवासी विनोद पासवान नाम के व्यक्ति ने और अनिल टाइगर से विवाद को खत्म करने के लिए अपने घऱ पर बैठक करायी। जहां अनिल महतो ने प्रति डिसमील 50 हजार की दर से 4.5 करोड़ रूपये की मांग की। साथ ही कहा कि पैसे नहीं मिलने पर जमीन कब्जा और बिक्री का विरोध करते रहेंगे।

बैठक के दौरान ही देवव्रत नाथ शाहदेव और मृतक अनिल टाइगर के बीच समझौता नहीं हो पाने के कारण कहासुनी हुई। इसके बाद देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल महतों को धमकी देते हुए उनपर पिस्टल तान दिया।

विनोद पासवान के घऱ पर वार्ता के विफल होने के बाद देवव्रत नाथ शाहदेव ने विवादित जमीन पर पालकोट हाउस रोड नामक एप्रोच रोड सासंद मद से बनाने की तैयारी की। इसकी जानकारी मिलने पर अनिल टाइगर ने सांसद से मिल कर जमीन के बारे में जानकारी दी थी। एसएसपी ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि जब सासंद शिलान्यास के लिए गाड़ी खटंगा गांव तक आए तो फिर से अनिल टाईगर के द्वारा इस शिलान्यास का विरोध किया गया, तब उन्होंने शिलान्यास कार्यक्रम रद्द करते हुए वापस लौट गए।

एसएसपी ने बताया कि जमीन पर दखल-कब्जा नहीं होने और उसकी बिक्री नहीं हो पाने के कारण देवव्रत शाहदेव को आर्थिक नुकसान हो रहा था। इसी वजह से देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल टाइगर को रास्ते से हटाने के लिए उनकी हत्या करने की योजना बनायी। अभिषेक सिन्हा ने अपराधी अमन सिंह को अनिल टाइगर की हत्या करने की सुपारी देने के दौरान कहा था, कि लोहरदगा में अपराधी सुभाष जायसवाल की जो हत्या हुई थी, उससे घटना का समाधान अनिल टाइगर के मरने के बाद हो जाएगा।

इस वजह से सिर्फ दो लाख रुपया में ही अमन सिंह अनिल टाइगर की हत्या करने को तैयार हो गया था। वहीं दूसरी तरफ यह चर्चा है, कि जब यह जमीन विवादित थी, तो किस परिस्थिति में सांसद ने उस जमीन तक एप्रोच रोड बनाने का शिलान्यास किया था।

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