दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार पर लगाया आजीविका मिशन के भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का आरोप

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भोपाल। कांग्रेस राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आजीविका मिशन में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर आजीविका मिशन के भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का आरोप लगाया है।

दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा है कि आजीविका मिशन की दीदियां वर्षों से कड़ी मेहनत, लगन एवं निष्ठा के साथ कार्य कर रही हैं उसको अनदेखा कर आजीविका मिशन के राज्य कार्यालय में बैठे भ्रष्ट अधिकारी के द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार कर उन समूह को स्वावलंबी नहीं बनाकर केवल कागजों पर ही उन्हें दिखाया जा रहा है जबकि वास्तविक स्थिति भिन्न है।

उन्होंने कहा, समूह की सदस्य आज भी वह लाभांश नहीं प्राप्त कर पा रही हैं। लाभांश कागज में दर्शाया जा रहा है। दीदीयाँ स्वयं अपने निर्णय नहीं ले पा रही हैं, उनकी चेक बुक उनके प्रोसीडिंग रजिस्टर एवं अन्य अभिलेख आजीविका मिशन के अधिकारी और कर्मचारी अपने संरक्षण में रखते हैं। राज्य स्तर पर बैठे भ्रष्ट अधिकारी के निर्देशानुसार आजीविका मिशन का अमला कार्य कर रहा हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री का समाचार पत्रों में छपी खबरों का हवाला देते हुए कहना था कि पिछले दिनों प्रदेश के प्रमुख अखबारों ने शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों को यूनिफॉर्म नहीं मिलने की खबर का प्रकाशन किया। इसमें करोड़ों रुपए के घोटाले का भ्रष्टाचार प्रमुख रूप से उजागर किया गया था। राज्य सरकार इस खबर की निष्पक्ष जांच कराने के बजाय भ्रष्ट अधिकारी को बचाने में लग गई। समूह की भोली भाली दीदियों को आगे कर इस घोटाले बाज को बचाने का एवं छुपाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार में यदि जरा सी भी नैतिकता बची हो तो उसे तत्काल पद से पृथक कर उनके भ्रष्ट कार्यों एवं पद के दुरुपयोग के आरोपो की जांच कराते हुए उसे दंडित करना चाहिए।

श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने जब आजीविका मिशन की शुरूआत की थी तो यह निर्देश थे कि 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज समूह सदस्य से नहीं लिया जाये। किंतु भाजपा सरकार ने 24 प्रतिशत ब्याज महिला समूह सदस्यों से वसूला, जो आरबीआई के निर्देशों के विपरीत है।

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