डालसा जमीनी स्तर पर न्याय तक पहुंच प्रदान करने की आधारशिला हैं : एम.एस. रामचंद्र राव
जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की पांचवीं राज्य स्तरीय बैठक
रांची, 23 मार्च । झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की पांचवीं राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव सहित अन्य न्यायाधीशों ने संयुक्त रुप से न्याय सदन, झालसा के सभागार में दीप प्रज्वलित कर किया ।
इस अवसर पर एमिटी लॉ स्कूल, एमिटी विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, रांची विश्वविद्यालय में लीगल एंड क्लिनिक का उद्घाटन मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव ने वर्चुअल माध्यम से किया।
मौके पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद ने उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीशों से कहा कि वे संबंधित न्यायालयों पर यह प्रभाव डालें कि छोटे अपराधों में व्यक्ति को हिरासत में लेते समय यंत्रवत् रिमांड आदेश पारित न किया जाए।
मौके पर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव ने कहा कि हमें यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद के कुशल मार्गदर्शन में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण झारखंड के जरूरतमंद लोगों को विधिक सहायता के माध्यम से न्याय प्रदान करने में बहुत अच्छा काम कर रहा है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्राथमिक संपर्क बिंदु हैं तथा जमीनी स्तर पर न्याय तक पहुंच प्रदान करने की आधारशिला हैं।
झारखंड 2024 की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में 99.49% की उच्चतम निपटान दर हासिल करके शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया है। यह हमारे विधिक सेवा कार्यबल द्वारा की जा रही लगातार कड़ी मेहनत को दर्शाता है तथा उनके योगदान का प्रमाण है।
झालसा की सदस्य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।