Dr. Ram Manohar Lohia death anniversary : सत्-सत् नमन और हार्दिक श्रद्धांजलि
आज की युवा पीढ़ी में डा. राममनोहर लोहिया जैसे प्रखर राष्ट्रवादी नेता के सिद्धांतों और आदर्शों के प्रति भूख का जागना राष्ट्रहित में बहुत जरूरी है।
डाॅ. लोहिया से आज के राजनेताओं को लेनी चाहिए सीख
राम मनोहर लोहिया! ना घर ,ना ठिकाना, ना रिश्तेदार, ना परिवार, ना बैक खाता ,ना दुनिया में कही एक ईच जमीन, ऐसा एक शख्स 23 मार्च 1910 को पैदा हुये और कालरात्रि के दिन 12 अक्टूबर 1967 को अपने पीछे लाखो गरीब,पिछडे ,दलित कार्यकर्ताओं को रोते -बिलखते छोड दुनिया को अलविदा कर गये।
सारी दुनिया मे घूमकर विश्व-सरकार की स्थापना,नर -नारी समानता,मनुष्यो के बीच जाति -पाँति ,रंग के आधार पर पैदा की गयी विषमता को समाप्त कर नये समाज निर्माण का अप्रतिम योद्धा, भारत -पाक महासंघ बनाकर 1947 मे बँटवारे के दंश को समाप्त करने,गोवा -मुक्ति, नेपाल की राणाशाही को समाप्त कर लोकशाही की स्थापना, उतर-पूरव फ्रान्टियर एजेंसी को समाप्त कर एक राज्य उर्वशियम बाद मे भारत सरकार ने उसे अरूणाचल कर दिया) का सृजन ,गैर-कांग्रेसवाद को लाकर सता के एकाधिकार वाद एवं वंशानुगत राज की समाप्ति करने वाला महान शख्स लोहिया ही तो थे।