दिल्ली में लॉन्च की गई ‘ई-जीरो एफआईआर’ पहल, साइबर अपराधियों पर अब होगी तुरंत कार्रवाई : अमित शाह
– यह सुविधा 10 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी वाले मामलों पर लागू होगी
नई दिल्ली, 19 मई । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्रालय के अधीनस्थ भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘ई-ज़ीरो एफआईआर’ पहल की शुरुआत की है। इस नई प्रणाली से अपराधियों को अभूतपूर्व गति से पकड़ने में मदद करेगी। इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल दिल्ली में लागू किया गया है और जल्द ही इसे देशभर में विस्तार देने की योजना है। शुरूआत में यह सुविधा 10 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी वाले मामलों पर लागू की गई है।
गृहमंत्री शाह ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि दिल्ली के लिए एक पायलट परियोजना के रूप में शुरू की गई यह नई प्रणाली राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज साइबर वित्तीय अपराधों को स्वचालित रूप से एफआईआर में बदल देगी, जो शुरुआत में यह 10 लाख रुपये से ऊपर की सीमा के लिए होगी। नई प्रणाली जांच में तेजी लाएगी, जिससे साइबर अपराधियों पर सख्ती हो सकेगी। इस पहल को जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा। मोदी सरकार साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर रही है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘साइबर सुरक्षित भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। गृहमंत्री अमित शाह ने साइबर वित्तीय अपराधों के पीड़ितों को खोई हुई धनराशि की वसूली में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में आई4सी की समीक्षा बैठक में इस पहल के कार्यान्वयन के निर्देश दिए थे।
एनसीआरपी और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 ने साइबर वित्तीय अपराधों से संबंधित शिकायतों की आसान रिपोर्टिंग और उन पर त्वरित कार्रवाई को सक्षम बनाया है। शुरू की गई नई प्रक्रिया में आई4सी के एनसीआरपी सिस्टम, दिल्ली पुलिस के ई-एफआईआर सिस्टम और एनसीआरबी के अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) का एकीकरण शामिल है। अब एनसीआरपी और 1930 पर की गई 10 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय हानि से संबंधित शिकायतें स्वचालित रूप से दिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर के रूप में दर्ज होंगी। इसे तुरंत संबंधित क्षेत्रीय साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों को भेज दिया जाएगा। शिकायतकर्ता 3 दिनों के भीतर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो एफआईआर को नियमित एफआईआर में बदलवा सकेंगे।
दिल्ली पुलिस और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी), गृह मंत्रालय (एमएचए) ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 173 (1) और 1(ii) के नए प्रावधानों के अनुसार मामलों के पंजीकरण की प्रक्रिया को लागू करने के लिए मिलकर काम किया है। प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र पर ध्यान दिए बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से एफआईआर जारी करने की प्रक्रिया (ई-जीरो एफआईआर) शुरू में दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू होगी। इसके बाद इसे अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी लागू किया जाएगा। दिल्ली के ई-क्राइम पुलिस स्टेशन को एनसीआरपी पर दर्ज की गई एक निर्दिष्ट प्रकृति की साइबर अपराध शिकायतों में ई-एफआईआर के पंजीकरण और उन्हें क्षेत्राधिकार वाले पुलिस स्टेशनों को हस्तांतरित करने के लिए अधिसूचित किया गया है।
इस पहल से एनसीआरपी/1930 शिकायतों को एफआईआर में बदलने में सुधार होगा, जिससे पीड़ितों द्वारा गंवाए धन की आसानी से वसूली हो सकेगी और साइबर अपराधियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को सुगम बनाया जाएगा।