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ईडी ने जबरन वसूली मामले में 29 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की

गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने 29 लाख रुपये की अपराध आय (पीओसी) को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जिसमें रविराज कुमार और उनकी पत्नी कुमारी पिंकी की नालंदा, बिहार में छह अचल संपत्तियां और विजय किशन चौधरी का एक सावधि जमा बैंक खाता शामिल है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ईडी ने गुरुग्राम के सेक्टर-10 पुलिस स्टेशन द्वारा रविराज कुमार और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि रविराज कुमार ने विजय किशन चौधरी के साथ मिलीभगत करके खुद को ईडी का वरिष्ठ अधिकारी बताकर गुरुग्राम के एक बिल्डर को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर उससे पैसे ऐंठ लिए।

ईडी ने जांच के दौरान विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए और बैंक स्टेटमेंट, व्हाट्सएप चैट आदि जैसे विभिन्न डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य भी एकत्र किए। जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी रविराज ने अपनी असली पहचान छिपाने के लिए कई सिम कार्ड का इस्तेमाल किया और कई लोगों को ठगा। इसी मामले में ईडी ने पहले भी धोखाधड़ी, जालसाजी और खुद को ईडी का वरिष्ठ अधिकारी बताकर पैसे ऐंठने के आरोप में पीएमएलए एक्ट के तहत ठगी करने वाले रविराज कुमार को गिरफ्तार किया था। आरोपी फिलहाल गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद है। आगे की जांच जारी है। इससे पहले गुरुवार को ईडी गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने पूर्व विधायक धरम सिंह छोकर और उनके दो बेटों सिकंदर छोकर, विकास छोकर और उनकी कंपनियों मेसर्स साईं आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड आदि से जुड़ी 44.55 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी।

जब्त संपत्तियों में दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत में स्थित 13 अचल संपत्तियां (लगभग तीन एकड़ की कृषि भूमि, 2487 वर्ग मीटर की व्यावसायिक भूमि, आठ आवासीय फ्लैट आदि) शामिल हैं। इसी तरह, ईडी गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने गुरुवार को 34.47 लाख रुपये की चल संपत्ति भी जब्त की थी, जिसमें अंशुल मदान और उनके परिवार के सदस्यों से संबंधित इक्विटी शेयर, खाता शेष शामिल हैं, जो कि अंशुल मदान, उप पोस्टमास्टर (अब निलंबित) द्वारा उनके द्वारा किए गए धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप सीधे डाक विभाग द्वारा प्राप्त किए गए थे। ईडी ने अंशुल मदान और अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), एसीबी चंडीगढ़ द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की। आरोपी व्यक्तियों ने 5.84 करोड़ रुपये की धनराशि निकालकर धन की हेराफेरी और डायवर्जन, आपराधिक गबन, धोखाधड़ी आदि करके धोखाधड़ी की और इस प्रकार डाक विभाग को 5.84 करोड़ रुपये का गलत नुकसान पहुंचाया।

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