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समाज से विकारों को दूर करने का सबसे प्रभावी माध्यम है शिक्षा: धनखड़

लखनऊ 01 दिंसबर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शिक्षा के व्यापक प्रभाव और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की उसकी क्षमता को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज से सभी तरह के विकारों को दूर करने का सबसे प्रभावी माध्यम शिक्षा है।

उपराष्ट्रपति ने यहां प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ यहां रविवार को सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल, कानपुर के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेते हुए छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए शिक्षा के महत्व, इसके व्यापक प्रभाव और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा जीवन को बेहतर बनाती है और सही रास्ते पर ले जाती है। प्रतिभा केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है; यह ग्रामीण और गरीब इलाकों में भी विद्यमान है। ऐसे क्षेत्रों तक जयपुरिया जैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संस्थानों की पहुंच आवश्यक है। उन्होंने कॉर्पोरेट जगत से आग्रह किया कि वे अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व फंड का उपयोग करके शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दें और सभी वर्गों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करें।

उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप उम्र के साथ ऐसा व्यवहार विकसित करें, जो आपके ज्ञान और चरित्र को प्रदर्शित करे। माता-पिता के प्रति समर्पण और गुरुजनों के प्रति अनुशासन का भाव रखें। शिक्षा समय और समाज को बदलने में सक्षम है। यह हर व्यक्ति का अधिकार है और यह असफलता को सीखने की पूंजी में बदल देती है। उन्होंने छात्रों को नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा न केवल मनुष्य का अधिकार है, बल्कि जीवन के विभिन्न आयामों में संतुलन बनाने का सबसे शक्तिशाली साधन भी है। शिक्षा हमें हमारे अधिकारों के प्रति जागरूक करती है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि वही शिक्षा श्रेष्ठ है, जो जीवन निर्माण, चरित्र निर्माण और विचारों के सामंजस्य को बढ़ावा दे।

राज्यपाल ने शिक्षकों को राष्ट्र के भविष्य का निर्माता बताते हुए उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों के चरित्र निर्माण और उनके बहुआयामी विकास की जिम्मेदारी शिक्षकों पर होती है। शिक्षकों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ वर्तमान परिवेश की भी जानकारी देनी चाहिए, जिससे विद्यार्थी अद्यतन ज्ञान से परिपूर्ण हों।

उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षिका होने के नाते विद्यार्थियों के साथ संवाद करना उनका हमेशा प्रिय कार्य रहा है।उन्होंने असफलताओं को सफलता की ओर एक कदम बताते हुए छात्रों को प्रेरित किया कि वे गिरने से डरें नहीं, बल्कि असफलताओं से सीखें। ।राज्यपाल ने जयपुरिया समूह से कहा कि वे गरीब और असमर्थ परिवारों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे शिक्षा प्राप्त कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं और देश के विकास में सहभागी बन सकते हैं।

पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति सजगता को लेकर राज्यपाल ने कहा कि विद्यालयों में पौधरोपण अभियान और स्वच्छता अभियान चलाए जाए। पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना सभी का दायित्व है। विद्यालय विद्यार्थियों को इन मुद्दों के प्रति जागरूक करें। समारोह के दौरान तीन विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर अध्यक्ष विधानसभा उत्तर प्रदेश सतीश महाना, प्रदेश के सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान जी, सेठ आनंदराम जयपुरिया शैक्षिक संस्थान समूह के अध्यक्ष शिशिर , स्कूल की प्रधानाचार्या सुश्री शिखा बनर्जी और आमंत्रित अतिथिगण, छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक गण उपस्थित रहे।

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