मिस्री की चीन यात्रा, कैलास मानसरोवर यात्रा, सीधी उड़ान शुरू, संवादों के विस्तार पर महत्वपूर्ण सहमति
नयी दिल्ली, 27 जनवरी : विदेश सचिव विक्रम मिस्री की दो दिवसीय चीन की राजधानी बीजिंग यात्रा में भारत और चीन के बीच इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्ष गांठ पर विशेष कार्यक्रमों के आयोजन तथा मीडिया एवं शोध संस्थानों सहित जनता के स्तर पर पारस्परिक सम्पर्क को बढ़ावा देने तथा दोनों देशों के बीच कार्यात्मक वार्ताओं की व्यवस्थाओं को चरणबद्ध तरीके से फिर शुरू करने पर सहमति जातायी है।
दोनों पक्ष एक दूसरे के बीच यात्री विमान सेवाएं फिर शुरू करने तथा नदियों के प्रवाह की सूचनाओं के आदान प्रदान के बारे में बातचीत पर भी सहमत हुए हैं।
विदेश सचिव मिस्री की सोमवार को सम्पन्न हुई इस यात्रा के बाद जारी विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है,“दोनों पक्षों ने काम-काज संवाद के लिए वर्तमान तंत्रों का जायजा लिया। इन संवादों को चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू करने और एक-दूसरे के हित और चिंता के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को संबोधित करने के लिए उनका उपयोग करने पर सहमति जताई।”
मंत्रालय ने कहा है,“दोनों पक्षों ने आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों से जुड़ी चिंताओं पर इस दृष्टिकोण के साथ विशेष रूप से बातचीत की कि इनका समाधान निकले तथा दीर्घकालिक नीतिगत पारदर्शिता और भरोसा बढ़े।”
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। दोनों देश के अधिकारी मौजूदा समझौतों के अनुसार यात्रा के तौर-तरीकों पर चर्चा करेंगे।
दोनों पक्षों ने जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के प्रावधान और सीमा पार नदियों से संबंधित अन्य सहयोग को फिर से शुरू करने पर चर्चा करने के लिए भारत-चीन विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र की जल्द बैठक आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की।
बयान में कहा गया है,“दोनों पक्ष मीडिया और थिंक-टैंक बातचीत सहित लोगों के बीच आदान-प्रदान को और बढ़ावा देने और सुविधाजनक बनाने के लिए उचित उपाय करने पर सहमत हुए।”
बातचीत में दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनी और दोनों ओर के संबंधित तकनीकी अधिकारी इस उद्देश्य के लिए शीघ्र ही एक मिलेंगे और बातचीत करेंगे।
बयान में कहा गया है,“2025, भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है, इसका उपयोग एक-दूसरे के बारे में बेहतर जागरूकता पैदा करने और जनता के बीच आपसी विश्वास और भरोसा बहाल करने के लिए सार्वजनिक कूटनीति प्रयासों को दोगुना करने के लिए किया जाना चाहिए।” दोनों पक्ष इस वर्षगांठ को मनाने के लिए कई विशेष कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
श्री मिस्री ने अपनी यात्रा के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ से भी मुलाकात की।
बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में कज़ान में उनकी बैठक में सहमति के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्माण करने के लिए कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की।