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आतंकवाद की परिभाषा पर सहमति न बनने का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित पार्लियामेंट 20 का आगाज किया और दुनिया को शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय विकास और कल्याण का है और यह शांति बिना संभव नहीं है। साथ ही उन्होंने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर विश्व को चेताया की यह मानवता के विरुद्ध सबसे बड़ा अपराध है और इस पर दोहरे मानदंड नहीं होने चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया की सबसे आमिर अर्थव्यवस्था वाले जी-20 देश के संसदीय प्रतिनिधिमंडल को यहां यशोभूमि द्वारका में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत की 5000 साल पुरानी सभ्यता और उसमें रचे बसे लोकतंत्र का परिचय कराया। उन्होंने बताया कि हजारों साल पहले भी हमारे यहां संवाद वा चर्चा के माध्यम से जनहितेषी व्यवस्था काम करती थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया में चल रहे रूस-यूक्रेन और इसराइल-हमास संघर्ष के बीच अपने शांति संदेश में कहा कि संकट भरी दुनिया किसी के हित में नहीं है। शांति के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि आज शाम दुनिया भर से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल भारत की संसद की यात्रा करेंगे और वहां स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही उन्होंने यहां आतंकवाद की उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें भारतीय संसद पर आतंकियों ने हमला किया था। इसी क्रम में उन्होंने आतंकवाद के खतरे के प्रति दुनिया को आगाह कराया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि दुनिया अभी तक आतंकवाद की परिभाषा पर आम सहमति नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि इस रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं।

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