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शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ समान रूप से भागीदार : बाबूलाल मरांडी

रांची, 20 अप्रैल : झारखंड में भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि छ्त्तीसगढ़ी शराब कंसलटेंट, सप्लायरों और झारखंड के उत्पाद विभाग ने मिलकर झारखंड के सरकारी राजस्व को 450 करोड़ रुपए से अधिक का उत्पाद राजस्व का घाटा पंहुचाया है।

श्री मरांडी ने आज यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शराब घोटाले में भारी व्याप्त गड़बड़ियों को लेकर मेरे द्वारा शुरुआती दिनों से लेकर लगातार कई बार मुख्यमंत्री को पत्राचार करने के बाद भी उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना साफ बता रहा है कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री दोषी पदाधिकारियों के साथ समान रूप से भागीदार और हिस्सेदार हैं।

श्री मरांडी ने कहा कि कायदे से जिन पदाधिकारियों ने गलत सलाह दिया, उन पर कार्रवाई करनी चाहिए परन्तु लगातार सचेत करने के बाद भी सीएम ने ध्यान नहीं दिया। हमारी मांग है कि जिन अफसरों की मिलीभगत से राज्य को 450 करोड़ रुपए के राजस्व की क्षति हुई है उन पर एफआईआर दर्ज हो। सीएम कार्रवाई नहीं करेंगे तो ऊपर की एजेंसी तो जांच करेगी ही। राज्य हित में उन एजेंसियों से भी इस मामले में कार्रवाई का आग्रह है।

श्री मरांडी ने कहा कि सारा मामला छुपा और दबा रहा। झारखंड सरकार तब सक्रिय हुई जब छत्तीसगढ़ में ईडी का छापा पड़ा और कई सुराग मिले। झारखंड सरकार के उत्पाद विभाग के सचिव और आयुक्त को नोटिस दिया गया, तब जाकर मामले में हड़कंप मचा। आश्चर्य तो इस बात का है कि 450 करोड़ रुपए रिकवर का नोटिस दिया जाता है और काम भी इन्हीं से लिया जाता है। उत्पाद विभाग ने इनको 450 करोड़ जुर्माना का नोटिस ऐसे वक्त पर लगाया है जब इनकी अवधि का मात्र 10-12 दिन ही बची हुई है। आज भी सरकार इन्ही एजेंसियों से काम करवा रही हैं। इससे सरकार की मंशा को समझा जा सकता है। कार्रवाई की बजाय नोटिस दिया जाता है ताकि बचाव केलिए कोर्ट का सहारा लिया जा सके और ये लोग अपनी चमड़ी बचा सके।

विनय

वार्ता

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