फ्रांस, ब्रिटेन ने यूक्रेन में एक महीने के संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा: मैक्रों
लंदन/पेरिस 03 मार्च : फ्रांस और ब्रिटेन ने यूक्रेन में ‘हवा, समुद्र और ऊर्जा अवसंरचना में’ एक महीने के संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दैनिक समाचार पत्र ले फेगारो को यह जानकारी दी है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रविवार को लंदन में यूक्रेन पर शिखर सम्मेलन से पहले घोषणा की कि पेरिस और लंदन युद्ध को रोकने के लिए एक योजना पर काम कर रहे हैं।
ब्रुसेल्स टाइम ने रिपोर्ट में बताया कि राष्ट्रपति मैक्रों ने बताया कि इस तरह के संघर्ष विराम का एक फायदा यह है कि ‘पेरिस-बुडापेस्ट लाइन के बराबर’ विशाल मोर्चे को देखते हुए ‘ इसे मापा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में शत्रुता का अंत करने में जमीनी लड़ाई शामिल नहीं होगी क्योंकि युद्ध विराम के मामले में ‘यह सत्यापित करना बहुत मुश्किल होगा कि मोर्चे का सम्मान किया गया है।’ उन्होंने कहा कि यूरोपीय सैनिकों की तैनाती में फ्रांस और ब्रिटेन के सैनिक भाग लेने के लिए तैयार हैं और यह बाद के पता चल पायेगा।
श्री मैक्रों ने ले फिगारो को बताया ‘आने वाले हफ्तों में यूक्रेनी धरती पर कोई यूरोपीय सैनिक नहीं होंगे।’ उन्होंने इस समय का उपयोग युद्धविराम वार्ता के लिए करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हम हर हाल में शांति चाहते हैं लेकिन किसी भी कीमत और बिना किसी गारंटी के।”
फ्रांस के अधिकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच संवाद को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। श्री ट्रम्प और श्री जेलेंस्की के बीच शुक्रवार को ओवल कार्यालय में तीखी नोकझोंक हुई थी।
श्री मैंक्रो ने लंदन शिखर सम्मेलन से लौटने के बाद कहा, ‘आने वाले दिनों में हमें फिर से बातचीत करने की तैयारी करनी चाहिए।”
इस बीच श्री ज़ेलेंस्की ने कल अमेरिका के साथ बातचीत किए गए खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने की इच्छा व्यक्त की। यह समझौता शुक्रवार को श्री ट्रम्प के साथ उनके विवाद के कारण विलंबित हो गया था।
उन्होंने लंदन छोड़ने से पहले ब्रिटिश पत्रकारों के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘एक बार सभी पक्ष सहमति के बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।’
‘अगर हम खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमति बनी तो तो हम इस पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं। हम रचनात्मक हैं।’ उन्होंने वाशिंगटन के सुझाव के बाद कहा कि यूक्रेनी नेता को अपने व्यवहार में बदलाव नहीं करने पर पद छोड़ना पड़ सकता है।
उन्होंने युद्धविराम की स्थिति में यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी मांगने का भी उल्लेख किया और यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर इस्तीफा देने की अपनी पिछली पेशकश को दोहराया।
उन्होंने कहा ‘अगर नाटो की सदस्यता और युद्ध का अंत हो जाता है तो मेरा मिशन पूरा हो जायेगा।”