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सेहत का खजाना है लहसुन, खाने से पहले खाएं और पाएं चमत्कारिक परिणाम

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हमारे किचन में कई ऐसे सुपरफूड्स होते हैं, जो दवाइयों की जरूरत को कम कर सकते हैं और लहसुन इनमें से एक है। यह केवल खाने को स्वादिष्ट नहीं बनाता, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी बहुत हैं। जाना सुबह लंच से पहले लहसुन की 2-3 कलियां चबाने से आपकी सेहत को कई बेहतरीन फायदे मिल सकते हैं।

लहसुन में एलिसिन नामक सल्फर युक्त फाइटोकेमिकल होता है, जो बीमारियों से बचाव करता है और सूजन को कम करने में सहायक है। यह स्किन के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करता है और स्किन को साफ करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

हरदोई के शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र चलाने वाले डाक्टर अमित कुमार बताते हैं कि लहसुन हमेशा से ही एक औषधि रही है। इसके कई उपयोग हैं। खाली पेट लहसुन खाना इंसानी शरीर के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इसके अलावा व्यक्ति खाने से पहले भी अगर नियमित रूप से लहसुन खाता है तो यह उसके स्वास्थ के लिए बहुत बेहतर है।

लहसुन एक बेहतरीन एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटिफंगल और एंटिपैरासिटिक एजेंट के रूप में काम करता है। यह बैक्टीरिया और वायरस जैसे पैथोजेन को मारता है, जिससे बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों से बचाव होता है। इसके अतिरिक्त, लहसुन शरीर से टॉक्सिक हैवी मेटल्स को निकालता है और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है, जिससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है।

लहसुन ठंड, फ्लू, सर्दी और जुकाम से भी बचाव करता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करता है, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है, जिससे हाइपरटेंशन की समस्या कम होती है।

हालांकि डॉक्टर अमित पित्त रोगीयों को लहसुन के सेवन की सलाह नहीं देते हैं। वह कहते हैं कि ऐसे लोग जिनको कब्ज, पेट खराब रहना, उल्टी, या बवासीर जैसी कब्ज की बीमारी है, उन्हें लहसुन का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।

वह आगे कहते हैं कि एक स्वस्थ आदमी लहसुन को सब्जियों, चटनी, डिप, सलाद या सूप में मिलाकर भी खा सकते हैं, लेकिन इसके कच्चे सेवन से अधिक लाभ होता है। यह किचन का एक ऐसा सुपरफूड है, जो आपकी सेहत को प्राकृतिक रूप से बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

लहसुन के फायदे

हृदय रोग एवं रक्तचाप: हृदय में रक्तावरोध को प्रवाही बनाने में लहसुन जैसी कोई औषधी नहीं है। इसका प्रयोग कच्चा ही सुबह-सुबह या नास्ते-खाने के साथ किया जा सकता है। लहसुन दो-तीन कलियां छीलकर कच्चा ही चबा-चबा कर घोंट लेना होता है। कच्ची कली से मुंह लहरता है तो रोटी या किसी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ ही चबाया जा सकता है।

इसके प्रयोग शुरू करने के 15 दिन के अंदर ही हृदय के ब्लाकेज (रक्तावरोध) खुलने लगते हैं और रक्तचाप भी नियंत्रित होता है। आयुर्वेदाचार्यों के साथ यूनानी के सुप्रसिद्ध हकीमों में हकीम सुलेमान तो ताल ठोककर इस प्रयोग को पूर्ण कारगर और निरापद बताते हैं। कुछ विशेष शाम या रात में लहसुन चबाने से मना करते हैं। वैसे प्रातः और दो पहर में रोग ग्रस्तता की स्थिति में भोजन की सब्जी में सींझा कर या फिर चटनी बना कर खाते रहने की मनाही नहीं है।

गठिया: गठिया बहुत तकलीफ देने वाला हड्डी का रोग है। इसके निदान में लहसुन का एक निरापद प्रयोग ‘महर्षि मेंही’ के प्रयोग के रूप में प्रसिद्ध है। एक पोरिया लहसुन बजार में मिल जाता है। इस प्रयोग में एक पोरिया लहसुन की एक कली को साफ मिट्टी की लेई (पानी में भिंगोकर गीला की हुई मिट्टी) में लपेट कर उसे आग में पका लेना है। फिर ठंडा होने पर ऊपर की मिट्टी झाड़कर लहसुन को चबा चबाकर खा जाना है। पन्द्रह दिनों या आगे तक प्रयोग जारी रखने पर गठिया का रोग जाता रहता है।

वात रोगः प्रातः खाली पेट लहसुन की तीन चार कच्ची कलियां रोटी या अन्य खाद्य-पदार्थों के साथ खूब देर तक चबाने के बाद पानी के साथ निगल जाना है। थोड़ा सुसुम पानी हो तो और भी अच्छा होगा। एक घंटे बाद नाश्ता-चाय किया जा सकता है। तीन माह तक प्रयोग करने से आस्टियो-आर्थाराइटिस, अति मोटापा, जोड़ों में दर्द और सूजन, मांसपेशियों में कमजोरी, अनिद्रा आदि रोगों में अवश्य लाभ होता है।

घेंघा: आयोडिन की प्रचूर मात्रा से युक्त लहसुन घेंघा रोग में बहुत लाभदायक है। यह हमारी विभिन्न ग्रंथियों को उतेजित कर उन्हें सक्रिय कर देता है। आयोडिन की पूर्ति के कारण लहसुन घेंघा रोग को ठीक करता है। लहसुन शरीर के विषाक्त तत्वों को शोधित कर बाहर निकाल देता है। कच्चे लहसुन का उपयोग इसीलिए श्रेष्ठ हैं।

कफ और खांसी: लहसून में श्वासनली की सूजन मिटाने तथा फेफड़े को स्वस्थ करने का गुण है। यदि तीन ग्राम लहसुन का रस शहद मिलाकर दिन भर में तीन बार सेवन किया जाय या रोगी को कराया जाय तो न केवल कफ और खांसी के रोग दूर होते हैं बल्कि यह प्रयोग निमोनिया को भी ठीक करता है। यदि फेफड़े में बलगम जमा हो गया हो, तो यह खुराक कफ को बाहर निकाल फेकता है।

दमा और श्वास: एक आयुर्वेदाचार्य के नुस्खे में बताया गया है कि यदि प्रतिदिन पांच ग्राम लहसुन का रस और 20 ग्राम शहर 10 ग्राम सुसुमपानी में शरबत बनाकर तीन माह तक सेवन किया जाय, तो अवश्य लाभ होगा। इस शरबत को प्रातः खाली पेट ही पीना है।

लकवा: लकवा को असाध्य रोग माना जाता है। लहसुन की 5 ग्राम हरी पत्तियों एवं लहसुन की चार पुष्ट कलियों का रस निकाल कर इसे 10 ग्राम शहद में मिलाकर प्रातः एवं दोपहर रोगी को पिलाया जाये तो एक माह में रोगी की मांसपेशियां सशक्त होने लगती है। लहसुन आकस्मिक रूप में होने वाली कई अंगों की तकलीफों को भी तत्काल दूर करता है। जैसे कान दर्द में या कान में मैल जमा हो तो लहसुन की दो-तीन कलियों को सरसों तेल में काला होने तक उबाल दें और ठंडा होने पर उस औषधीय तेल की दो बूंद कान में डालें तो दर्द तो दूर होता ही है कान का मैल भी आसानी से बाहर निकल आता है।

दांत दर्द: दांत में दर्द हो तो तत्काल लहसुन का रस निकालकर और उसमें रूई का फाहा गीला कर दर्द कर रहे दांत के नीचे रख लेने पर तुरन्त राहत मिलती है।

चर्म रोग: चर्म रोगों में भी लहसुन का औषधीय प्रयोग किया जाता है। दाद-खाज एवं अन्य चर्म रोगों में लहसुन पीसकर लेप करने से लाभ होता है। लहसुन की कलियां पानी में पीसना चाहिए।

मुंहासा : मुंहासा सुन्दर चेहरे को दागदार बना देता है। विशेष कर युवा लड़के और लड़कियां मुहासों से परेशान हो जाती हैं। भरोसे के वैद्य दावा करते हैं कि लहसुन मुंहासे को दूर करता है। इसके लिए लहसुन की कलियों को जलाकर भस्म बना लेना होगा। उस भस्म में से पांच ग्राम मात्रा को 20 ग्राम तिल तेल और 20 ग्राम घी में अच्छी तरह फेंट कर प्रतिदिन सुबह-शाम चेहरे पर मलें। धीरे-धीरे पूरा फायदा दिखेगा।
आयुर्वेदाचार्यों ने सर्प विष उतारने में भी लहसुन के एक नुस्खे का प्रयोग को बताया है। वह बताते हैं कि 100 ग्राम लहसुन को पीसकर 250 ग्राम पानी में घोल तैयार कर लें। अब इसे जल्द जल्दी रोगी को पिलाना शुरू करें तो सर्प विष उतरने लगेगा। यह दावा कितना कारगर है, वैद्य ही जानते हैं।

बिच्छू काटने पर: लहसुन और अमचूर बराबर मात्रा में पानी के साथ पीसकर बिच्छू काटने के स्थान पर रखें। इसके बाद 15-15 मिनट पर इस लेप को बदलते रहने पर विष शांत हो जाता है।

  • परुषों के लिए वरदान से कम नहीं है लहसुन

सभी के लिए लहसुन काफी हेल्दी है, ये तो आप जानते ही हैं, पर इसके सेवन से पुरुषों की सेक्सुअल स्वास्थ्य (Garlic increases sexual power in men) पर कई सारे सकारात्मक प्रभाव होते हैं। लहसुन में मौजूद एलिकिन नाम का एक औषधीय तत्व एंटीवायरल, एंटीफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होता है।

पुरुषों के यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाने में लहसुन बहुत ही प्रभावी होता है। इसके सेवन से ना सिर्फ आप कई शारीरिक समस्याओं से बचे रहेंगे, बल्कि यौन कमजोरी को भी दूर कर सकते हैं। लहसुन को उत्‍तेजक खाद्य मसालों के रूप में भी जाना जाता है, जिसके कारण यह यौन इच्‍छा और क्षमता को भी बढ़ाता है।

पुरुषों के लिए लहसुन के लाभ सेक्‍स लाइफ बढ़ाने के लिए होते हैं। यदि आपको सेक्स के दौरान उत्तेजना, ताकत की कमी महसूस हो रही है, तो अपने आहार में नियमित रूप से लहसुन को शामिल करें। अध्‍ययन के अनुसार, लहसुन का उपभोग करने से रक्‍त परिसंचरण बढ़ता है, जिससे यौन क्रिया में सुधार होता है। इस तरह से पुरुषों के लिए लहसुन के लाभ यौन क्षमता में वृद्धि (Garlic improve sexual health) करने के लिए जाने जाते हैं।

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया। यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है। हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है। आप उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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