सरकार ने जनजातीय विकास और कल्याण की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं : मुर्मु
नयी दिल्ली 14 नवंबर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने जनजातीय विकास और कल्याण की यात्रा को बहुत तेज गति से आगे बढ़ाया है और इसके लिए बड़े पैमाने पर अनेक अभियान तथा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
श्रीमती मुर्मु ने भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि जनजातीय गौरव तथा संविधान के आदर्शों के प्रति देश में नई चेतना का संचार हो रहा है तथा इस चेतना को कार्यरूप दिया जा रहा है। यह भावना जनजातीय समाज सहित पूरे देश के उज्ज्वल भविष्य का आधार बनेगी।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि अठारहवीं सदी से ही, जनजातीय समाज ने, ब्रिटिश हुकूमत के अन्याय का संगठित विरोध किया था। वर्ष 1855 में संथाल-हूल का नेतृत्व करने वाले बहादुर भाइयों सिद्धो-कान्हू और चांद-भैरव के साथ फूलो-झानो जैसी वीरांगना बहनों ने भी असाधारण साहस का परिचय दिया था।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 से सरकार ने प्रतिवर्ष 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने की परंपरा का सूत्रपात किया है। जनजातीय समुदाय के प्रति सम्मान व्यक्त करने के इस निर्णय की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। जनजातीय लोगों के गौरवशाली योगदान से देशवासियों को परिचित कराने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। जनजातीय महानायकों की स्मृति में देश के विभिन्न क्षेत्रों में संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। रांची में भगवान बिरसा मुंडा का संग्रहालय एक तीर्थ स्थल की तरह सम्मानित हो गया है। राष्ट्रपति भवन में भी ‘जनजातीय दर्पण’ नामक संग्रहालय विकसित किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि जनजातीय भाषा ‘संथाली’ को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के प्रयासों में मेरा भी योगदान था। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में यह संभव हुआ था। स्वाधीनता के कई दशकों के बाद भी जनजातीय समुदाय के अधिकांश लोगों को अपना घर न होने तथा बिजली-पानी-सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कठिन जीवन बिताना पड़ता था। अब इन सुविधाओं को उन तक पहुंचाया जा रहा है। उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है। साथ ही, उनके लिए आर्थिक विकास के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जनजातीय विकास और कल्याण की यात्रा को तेज गति से बहुत आगे बढ़ाया है। बहुत बड़े पैमाने पर अनेक अभियान और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विकास और कल्याण के सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में जनजातीय समाज तक सभी सुविधाएं पहुंचाने के विशेष उपाय किए गए हैं। इसके अलावा, जनजातीय समुदायों के लिए अलग से विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन 2 अक्टूबर को, भगवान बिरसा मुंडा की धरती से ही, केंद्र सरकार द्वारा ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का आरंभ किया गया है। लगभग 80 हजार करोड़ रुपए की लागत वाले इस अभियान का लक्ष्य है कि हर जनजातीय व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे। सड़कों और मोबाइल कनेक्टिविटी के द्वारा हर जनजातीय गांव जुड़ सके। सभी जनजातीय परिवारों के पास अपना पक्का घर हो। विकास और कल्याण के इस अभियान से लगभग 63 हजार जनजातीय गांव लाभान्वित होंगे। इस देशव्यापी अभियान से 5 करोड़ से भी अधिक जनजातीय लोगों को लाभ पहुंचेगा।
राष्ट्रपति ने कहा, “यह एक सुखद सच्चाई है कि जनजातीय भाई-बहनों और युवाओं के लिए आज विकास का खुला आसमान उपलब्ध है। वे जितनी भी ऊंची उड़ान भरना चाहें, समाज और सरकार उनके साथ हैं।”