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सरकार अनुपूरक मांगें तो ला रही है लेकिन भ्रष्टाचार नहीं रोक पा रही: विपक्ष

नयी दिल्ली, 16 दिसम्बर: विपक्ष ने सोमवार को लोक सभा में कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को रोक पाने में असफल रही है और अनुदानों की अनुपूरक मांगे ला रही है।

कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने वर्ष 2024-25 के लिये अनुदानों की अनुपूरक मांगे, प्रथम बैच पर चर्चा की शुरुआत करते हुये अडानी शेयर घोटाले का मामला उठाया और कहा कि जो प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड-सेबी की प्रमुख हैं, वह शेयरों में घोटाले की जांच कैसे कर सकती हैं, जब खुद उन पर इस मामले में आरोप लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार साठगांठ वाली पूंजीवादी व्यवस्था और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि अडानी मामले में लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं और सरकार को इन सब सवालों का जवाब इस मामले की जांच के लिये संयुक्त संसदीय समिति-(जेपीसी) का गठन करके देना चाहिये।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर तरह-तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं और लोग अडानी से सरकार के संबंधों पर चर्चा कर रहे हैं लेकिन सरकार इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हैं। सरकार को अनुपूरक मांगें पारित करनी चाहिये लेकिन भ्रष्टाचार हो रहा है और भ्रष्टाचार को लेकर जवाबदेही होनी चाहिये।

श्री वेणुगोपाल के सरकार पर लगाये गये आरोपों को लेकर हस्तक्षेप करते हुये संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि मोदी सरकार ने अडानी या किसी अन्य को अरबपति नहीं बनाया है। उद्याेगपतियों को शह कांग्रेस की सरकारें देती रही हैं, और उन्होंने ही इन उद्योगपतियों को पत्तन तथा अन्य स्थलों पर काम सौंपा है।

भाजपा के डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि राज्यों को केंद्र सरकार ने पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की सब्सिडी दी थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में किसी भी केंद्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया जा सकता है जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का नाम बदलकर इंडिया गठबंधन कर दिया है क्योंकि यूपीए भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया था। केंद्र सरकार ने तीन लाख 43 हजार करोड़ रुपये केंद्र की तरफ से राज्यों को भेजा गया है और उसमें कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई। पिछले 10 साल में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में रिकार्ड बढ़ोतरी की है। सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में, सड़क दुर्घटना मामले में कैशलेस की सुविधा दी है, जो अभूतपूर्व है। युवाओं के लिये, महिलाओं के लिये विशेष सहायता केंद्र सरकार की तरफ से दी जा रही है।

समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा ने कहा कि 87762 करोड़ रुपये का अनुपूरक मांगों का बजट है और सरकार का एक माह बाद बजट आना है। इस स्थिति में इस समय इन मांगों को लाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट का पैसा समय पर खर्च नहीं हो रहा है और इसका जिक्र कहां हो रहा है। देश में विषमता का बोलबाला है। छोटे और मझौले उद्योगों को महत्व देना चाहिये लेकिन उसमें हम विफल हो रहे हैं। किसान देश की तरक्की का आधार है क्योंकि देश का विकास गांव और खलिहानों से होकर गुजरता है। किसान को सब्सिडी देने में सरकार विफल हो रही है और बजट में किसानों के लिये कोई प्रावधान नहीं हो रहा है।

उन्होंने कि सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर देती है लेकिन किसानों की समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है। किसान पूरे देश के लोगों के पेट भरने का काम करता है लेकिन सरकार किसान को एमएसपी की गारंटी नहीं दे रही है।

तृणमूल कांग्रेस के प्रोफेसर सौगत राय ने कहा कि अनुपूरक मांगों को लेकर विरोध करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि पैसा पहले ही खर्च हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय घाटे को कम करने के लिए अनुपूरक मांगे लेकर आई है। उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई पर नियंत्रण करने को लेकर कोई योजना नहीं लेकर आई है।

उन्होंने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है। अर्थव्यवस्था में बढोतरी के बिना देश आगे नहीं बढ सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान पर प्रधानमंत्री ने दो घंटे भाषण दिये लेकिन देश की मूल समस्याओं पर कुछ नहीं बोले। उन्होंने कहा कि छह फीसदी से अधिक महंगाई दर हो गई जिसका नुकसान गरीबों को हो रहा है। उद्योगपतियों की पूंजी बढ रही है, लेकिन कर्मचारियों की आमदनी घट रही है। देश की अर्थव्यवस्था यह हाल है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यस्था में जिस प्रकार की संकट दिखाई दे रहा है उसे हल हल करने के लिए सरकार की ओर से कोई अच्छी पहल नहीं दिखाई दे रही है।

द्रमुक के डी एम कथिर आनंद ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने का वादा करके आई थी, लेकिन वह अब तक सफल नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ भूमिहीन किसानों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु देश की पहली सरकार है जिसने कृषि कार्यों के लिए मुफ्त बिजली देने का काम कर रही है। तमिलनाडु सरकार की ओर राहत की मांग की गई है, लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है ऐसा कोई उपाय नहीं किया जिससे रोजगार को बढाया जा सके।

तेलुगू देशम पार्टी के मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी ने अनुपूरक मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार कई योजनाएं लेकर आई जिसका लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने राज्य में लंबित कामों को पूरा करने के लिए केंद्र से अनुदान की मांग करते हुए कहा कि यह राज्य के लोगों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एमपी लैड फंड को पांच करोड़ से बढाकर 25 करोड़ करने की मांग की।

शिव सेना (उद्धव ठाकरे) अनिल देसाई ने बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को इसको हल करने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए। सरकार की ओर से नये नये स्टार्ट शुरु होने की बात की जाती है लेकिन जमीन पर हालात बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा कि महंगाई से लोग बहुत परेशान है सरकार को इस पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। उन्होंने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की व्यवस्था करने का आग्रह किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मागों का समर्थन करते हुए कहा कि यह समय की जरूत है। उन्होंने कहा कि मंहगाई में बढोतरी, निजी निवेश में कमी, लोगों की खरीद क्षमता में कमी गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि सरकार घरेलु निवेश को बढावा देने के लिए क्या उपाय कर रही है उसे बताना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में बहुत बड़ी संख्या है असंगठित क्षेत्र की सरकार को इसको लेकर सरकार क्या योजना है उसे बताना चाहिए। सरकार राजकोषीय घाटे को किस प्रकार कम करेगी इस बारे में भी बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने महाराष्ट्र के किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था इस पर सरकार क्या कर रही है।

शिव सेना के नरेश गणपति महस्के ने कहा कि सरकार गरीबों पिछड़ों और युवाओं के विकास के लिए काम कर रही है जिसकी वजह से देश विकसित भारत की तरफ बढ़ रही है। आज भारत ध्रुवतारे की तरह विश्व पटल पर चमक रहा है, लेकिन कांग्रेस के शासन काल में देश की अर्थव्यवस्था का बुरा हाल कर दिया था। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपने कर्ज भारत बनाया और हम आत्मनिर्भर भारत बना रहे हैं।

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि किसान सड़क पर बैठे हैं, वे बातचीत के लिये दिल्ली आना चाहते हैं, लेकिन सरकार उनसे बात करने में तौहीन समझती है। इससे पहले जब किसान दिल्ली आना चाहते थे, तो उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गये, रबड़ की गोलियां चलायी गयीं। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद की दर गिर रही है। सरकार ही बाजार से पैसा उठा रही है तो निजी क्षेत्र को कर्ज की सुविधा कैसे होगी।

उन्होंने कहा कि रुपये की कीमत डालर के मुकाबले निरंतर कम होती जा रही है। महंगाई की दर इतनी बढ़ गयी है, रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, आटा, सरसो का तेल, दूध आदि के खाने की चीजों के दाम इतने बढ़ गये हैं कि देश की गृहणियां त्राहि-त्राहि कर रही हैं।

श्री तिवारी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की बात की जाये तो सरकार उसका मॉडल ‘वन नेशन वन कंपनी’ का करना चाह रही है।

भाजपा के पी पी चौधरी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था 10 साल पहले सबसे कमजोर मानी जाती थी, 2014 से पहले महंगाई दोहरे अंकों में थी, लेकिन अब देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गयी है। 95 प्रतिशत रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है। किसानों के लिये बजट बहुत बढ़ा दिया गया है।

वाईएसआरसीपी की डॉ गुम्मा तनुजा रानी ने कहा कि विजाग इस्पात संयंत्र का निजीकरण रोक दिया जाना चाहिये। इस संयंत्र से 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है। विनिवेश के बजाय इस संयंत्र को कुछ और उपाय करके इसे बचाया जाना चाहिये।

राष्ट्रीय जनता दल के सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार की गरीबी और शिक्षा की स्थिति को देखते हुये राज्य को विशेष दर्जा दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि किसानों को फर्टिलाइजर नहीं मिल पा रही है, हाहाकार मचा हुआ है। इसके तत्काल इंतजाम किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि राजनीतिक संघवाद के साथ ही हमें आर्थिक संघवाद को लागू करना चाहिये, बिना इसके हम अपेक्षित तरक्की नहीं कर पायेंगे।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के डॉ एम पी अनुस्समद समदानी ने कहा कि गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी देश के समक्ष महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि आज उपासना स्थलों पर हमले किये जा रहे हैं, इस तरह की करतूतें सामाजिक शांति को खतरा पैदा कर रही हैं। मूल समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। किसानों की स्थिति को देखकर निर्णय करने पड़ेंगे।

आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि वादा किया गया था कि किसानों की आय दुगुनी कर दी जायेगी, इस सरकार ने 11 बजट पेश कर दिये हैं, किसानों की आय दुगुनी कब होगी। जिन किसानों ने देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया, आज उन्हें ही दिल्ली आने तक नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े व्यापारियों का कर्ज माफ कर दिया गया, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है। सरकार को किसानों से किया गया अपना वादा पूरा करना चाहिये जिससे उनका हक मिल सके।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के के सुब्रमण्यम ने कहा कि बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने बड़ी-बड़ी सम्पत्तियां खड़ी कर ली हैं। उन्होंने कहा कि जो सरकार का विरोध करते हैं, उन्हें भ्रष्ट कह दिया जाता है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) के राजाराम सिंह ने कहा कि विकास की बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आये तो उनके गुजरात भ्रमण के दौरान झुग्गियां ढक दी गयीं थी, क्या यही विकास है, देश में विषमता बढ़ गयी है, क्या इसी को तरक्की कहते हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित किसानों को मुआवजा दीजिये। उन्होंने सरकार से कहा कि जातीय जनगणना कराइये, तभी वंचितों को सामाजिक-आर्थिक न्याय मिल सकेगा।

रिवाेल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंदन ने कहा कि इस समय आम आदमी की स्थिति बहुत खराब है, गरीबी और अन्य मुद्दे हैं जो लोगों को परेशान कर रहे हैं। सरकार को इसे देखना होगा। उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर खर्च कम क्यों किया गया।

श्री प्रेमचंद्रन ने कहा कि वह सरकार से पूछना चाहते हैं कि किसानों की आय दुगुनी करने का जो वादा किया गया था, उसका क्या हुआ। किसान हर तरफ से परेशान हैं, उन्हें डीएपी तक नहीं मिल पा रही है।

निर्दलीय पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में बंद पड़ी फैक्टरियों के पुनर्वास की केंद्र सरकार से अपील की गई है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। सबसे ज्यादा पलायन और गरीबी बिहार में है शिक्षा का विकास वहां सबसे कम है। उन्होंने कहा कि बिहार के निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका पर्यटन की है लेकिन वहां सुखाड़ और बाढ़ के कारण लोगों को बड़ी दिक्कत होती है।

कांग्रेस के राहुल कस्वां ने कहा कि किसान को कोई राहत नहीं मिल रही है और उसे जो दिक्कत हो रही है उसके कारण किसान दिल्ली की सीमा पर धरना पर बैठा है। उन्होंने गांवों को सड़क से गांवों को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया और कहा कि इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। ग्रामीण विकास के लिए सांसद निधि में बढोतरी करने का आग्रह किया ताकि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों को गति दे सके।

केरल कांग्रेस के एडवोकेट के फ्रांसिस जॉर्ज ने कहा कि किसानों की दिक्कत सबसे ज्यादा है और उनको उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार को 25 हजार करोड़ रुपए मांगे थे लेकिन केंद्र सरकार ने उसे यह अनुदान नहीं दिया है। निर्दलीय विशालदादा प्रकाशबापू पाटिल ने भी किसानों का मुद्दा उठाया और कहा कि किसान की नाराजगी इसलिए है कि उनसे किए वादे के अनुसार उन्हें दाम नहीं दिया जा रहा है।

समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने कहा कि किसानों को स्वामीनाथन की सिफारिशों के अनुसार किसान को उनकी फसल का लाभ देने की मांग पूरी करने की बात तो दूर किसानों को दिल्ली में नहीं आने दिया जा रहा है और जो किसान शंभू बार्डर पर आंदोलन कर रहे हैं उनकी मांग मानने की बजाय उन पर सख्ती बरती जा रही है। रोजगार की हालात बहुत खराब है। सरकारी पदों पर भर्तियां नहीं हो रही है और जिन पदों पर युवाओं को सफलता मिली है उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए जा रहे हैं।

द्रमुक के सी एन अन्नादुरई ने कहा कि प्रधानमंत्री योजना के तहत राज्य के लोगों के हितों के लिए पर्याप्त निधि देने की मांग की। एमडीएमके के दुरई वाइको ने कहा कि मोदी सरकार ने 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को तभी पूरा किया जा सकता है जब समाज के हर वर्ग को मजबूत बनाया जा सके इसके लिए केंद्र सरकार को राज्यों को विकसित करने के लिए जरूरी मदद देनी चाहिए।

भाजपा के शशांक मणि ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र कुशी नगर में हवाई अड्डा है और उसक माध्यम से क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ हो सकता है। भाजपा के विष्णु पद राय ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र अंडमान और निकोबार लहसुन, आलू, गोभी आदि फसलें बहुत सस्ते दाम पर मिलती है।

कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान पर चर्चा में भाषण के दौरान कहा कि कांग्रेस को खून मुँह में लगा जबकि उन्हें पता होना चाहिए हमारा खून यहाँ की मिट्टी में है। सरकार बड़े बड़े दावे करती है लेकिन बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हत्याचार पर चुप बैठी है। एक साल से मणिपुर जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री के पास वहाँ जाने का समय नहीं है।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य बात है आज गरीब आदमी रोजी रोटी के लिए संघर्ष कर रहा लेकिन अमीरों को लाभ पहुंचाया जा रहा है यह बाबा साहब के सपने के विपरीत है।

शिव सेना के रवींद्र दत्तराम वायकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था विश्व में तेजी से विकास कर रहा है। देश में विकास की गति निरंतर आगे बढ़ रही है। उन्होंने मुंबई हवाई अड्डे के विस्तार के लिए विशेष निधि की माँग की। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के लिए उन्नत हथियार के लिए निधि देने की आवश्यकता है।

आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने कहा कि क्या सरकार सामाजिक कल्याण के लिए बजट बढ़ाने की योजना है। क्या सरकार बतायेगी वह जातिगत जनगणना के साथ जनसंख्या की गणना कब करायेगी। उन्होंने कहा कि मुफ्त अनाज देने के साथ सरकार को लोगों के लिए रोजगार मुहैया कराना चाहिए।

भाजपा के दर्शन सिंह चौधरी ने कहा कि अनुदान की मांगों को इसलिए रखा गया ताकि योजनाओं के काम में बाधा ना आ सके। उन्होंने कहा कि यह वही भारत है कि कोई किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहता था लेकिन अब स्थितियां विपरीत होनहार है। उन्होंने कहा कि एक समय प्रति व्यक्ति आय ग्यारह हज़ार थी जो एक लाख से अधिक होनहार है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में देश का चहुँओर विकास हो रहा है।

कांग्रेस के एम के विष्णु प्रसाद ने कहा कि सरकार सिर्फ़ पेपर वाली सरकार है। इस सरकार को देश के भविष्य की चिंता नहीं है। सरकार सिर्फ़ बड़ी बड़ी बातें करती है जबकि धरातल पर इसके विपरीत काम हो रहा है। गरीब गरीब हो रहा है और अमीर अमीर हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को जाति जनगणना अवश्य कराना चाहिए।

भाजपा के जगदंबिका पाल ने कहा कि बजट में अगर कोई प्रावधान नहीं हो पता है या कोई आवश्यक योजना पर काम करना होता है उसके लिए अनुदान की अनुपूरक माँग लाई जाती है। उन्होने कहा कि विपक्ष के लोग बात करते हैं किसानों की लेकिन हमने किसानों और कृषि के तीन हज़ार पाँच करोड़ रुपये अनुदान की माँग की गई है। कोरोना के समय किस प्रकार किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि देने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया का नजरिया भारत के प्रति बदला है।

इसके अलावा कांग्रेस के अमर सिंह और भाजपा के निशिकांत दुबे और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने अनुदान के अनुपूरक मांगों पर चर्चा में हिस्सा लिया।

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