राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला प्रमंडल स्तर का होगा: राधाकृष्ण किशोर
समाज की बेहतरी के लिए शिक्षा जरुरी: चमरा लिंडा
पलामू, 11 फ़रवरी । पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला मंगलवार से शुरू हुआ। मेदिनीनगर सदर प्रखंड के दुबियाखाड़ में लगे मेले का वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने इसका शुभारंभ किया।
मेले में परिसंपतियों का वितरण किया गया। योजनाओं की जानकारी देने के लिए विभिन्न विभागों के 46 स्टॉल लगाए गए थे। मेला 12 फरवरी तक आयोजित है।
मौके पर वित्त मंत्री ने कहा कि समाज का हर वर्ग आगे बढ़े। आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी, अल्पसंख्यक समाज का भी उत्थान हो। इसके लिए सरकार कार्य कर रही है। झारखंड में आदिवासी समाज का साक्षरता दर 52 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से नीचे है। ऐसे में शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है। शिक्षित होने से आदिवासियों के बच्चे विधानसभा एवं लोकसभा के सदस्य बनेंगे। इससे गर्व की अनुभूति होगी। उन्होंने हर वर्ग-समुदाय के शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एकजुट रहेंगे,तो आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से यह मेला प्रमंडल स्तर पर होगा। इसमें तीनों जिले पलामू, लातेहार व गढ़वा जिले के आदिवासी समाज भाग लेंगे, इसके लिए सरकार के स्तर पर तैयारी की जा रही है।
उन्होंने मंईया सम्मान योजना के लाभ से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सम्मान राशि से महिलाएं अपनी जरूरतों को पूरा कर रहीं हैं। बच्चों की पढाई में खर्च कर उन्हें आगे बढ़ा रहीं हैं।
इस अवसर पर कल्याण मंत्री ने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए शिक्षा जरुरी है। विकास के लिए समाज को एकजुट रहना भी महत्वपूर्ण है। शिक्षा से समाज में जागरूकता आती है और विकसित समाज का सपना साकार होता है। सरकार आदिवासियों सहित समाज के हर वर्ग के उत्थान की दिशा में कार्य कर रही है। राजा मेदिनीराय ने विकसित समाज निर्माण का कार्य किया। एकजुटता पर बल दिया। आदिवासी समाज भी एकजुटता में कमी नहीं आने दें। एकता और दृढ़ता के साथ रहने से अधिकार खुद मिल जायेगा। समाज को आगे बढ़ाने की सोच रखनी होगी।
मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने मेला को और भव्यता प्रदान करने की बातें कही। उन्होंने कहा कि मेला राज्य स्तर पर हो और प्रयास होगा कि इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाए।
पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि दो दशकों से लगातार मेला का आयोजन होता है, जो चेरो राजवंश को याद दिलाता है। राजा मेदिनीराय की याद में आयोजित इस मेले में सरकार के विभागों के स्टॉल लगाये जाते हैं। योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जाता है।
कार्यक्रम में नगर आयुक्त जावेद हुसैन, वन प्रमंडल पदाधिकारी सत्यम कुमार, उप विकास आयुक्त शब्बीर अहमद, सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुलोचना मीना आदि उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि दुबियाखाड़ में विभाजीत बिहार के समय पिछले 34 वर्ष से आदिवासी विकास महाकुंभ मेला का आयोजन होता रहा है।