HindiJharkhand NewsNationalNews

हिन्दू नववर्ष : नए साल में हुआ नवग्रहों का सत्ता पलट, चंद्रमा और बृहस्पति मंत्रिमंडल से बाहर

नव संवत्सर 2082 में सूर्य होंगे राजा, इस साल बनेंगे कई अद्भुत संयोग : आचार्य

चतरा, 30 मार्च । नव संवत्सर 2082 का आगाज रविवार 30 मार्च को हो चुका है। इस नव संवत्सर का नाम कालयुक्त है। नए साल में ग्रहों का नया मंत्रिमंडल भी बदल गया है। अलग-अलग संक्रांतियों के अनुसार इसका विस्तार भी होगा। नवग्रहों के सत्ता परिवर्तन सरकार में इस बार चंद्रमा और बृहस्पति मंत्रिमंडल से बाहर रहेंगे। जबकि सूर्य नव संवत्सर का राजा होंगे।

चतरा के जन्मकुंडली, वास्तु व कर्मकाण्ड परामर्श के विशेषज्ञ आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने बताया कि सूर्य राजा के साथ-साथ मंत्री और जल स्वामी का पद पर भी सुशोभित होंगे। नए साल के नवग्रहों की नई सरकार में कई ग्रहों का भाग्य चमकेगा तो कई ग्रह मंत्रिमंडल से बाहर रहेंगे। लिहाजा आने वाले नए साल में इस बार ग्रह और नक्षत्रों का कई असर देखने को मिलेंगे।

उन्होंने बताया कि मान्यता है कि हर वर्ष नए संवत्सर का प्रतिनिधित्व अलग-अलग ग्रह करते हैं। इसके लिए बकायदा ग्रहों की सरकार बनती है। इस सरकार में कामकाज और सृष्टि के संचालन के लिए ग्रहों के बीच कामकाज का बंटवारा होता है। जिस ग्रह को जो विभाग आवंटित होता है वह ग्रह पूरे एक साल उस विभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं।

आचार्य ने बताया कि इस बार रविवार से नव संवत्सर की शुरुआत हुई है। अतः नए वर्ष का राजा सूर्य होंगे। ग्रह राज सूर्य राजा के साथ-साथ मंत्री, रक्षा मंत्री, जल एवं पर्यावरण मंत्री का भी दायित्व संभालेंगे। इनके अलावा मंत्रिमंडल में मंगल शरद उपज मंत्री होंगे। बुध खनिज पदार्थ, गृह उपज के साथ वित्त मंत्री का भी प्रभार में रहेंगे। रस पदार्थ के स्वामी शुक्र रहेंगे। जबकि शनि शाकफल का स्वामी का दायित्व निभाएंगे। वहीं इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र का निवास समुद्र में होगा।

इस वर्ष लगेंगे दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण

आचार्य चेतन पाण्डेय ने बताया कि नए वर्ष 2082 में चार ग्रहण लगेंगे। जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। हालांकि इन चार ग्रहण में भारत में केवल दोनों चंद्र ग्रहण ही दिखाई देंगे। यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देंगे। पहला चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितंबर 2025 को लगेगा यह संपूर्ण भारतवर्ष में दिखाई देगा। वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा दिनांक 3 मार्च 2026 को लगेगा। यह ग्रहण भी भारत में दिखाई देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *