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क्षेत्रीय भाषा को बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय की पहल, 32 कार्यालयों को दिया हिंदी दक्ष कार्यालय का दर्जा

नई दिल्ली। सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए गृह मंत्रालय ने बड़ी पहल की है। मंत्रालय ने आईटीबीपी, एनडीआरएफ और सीआईएसएफ समेत 32 कार्यालयों को हिंदी दक्ष कार्यालय के रूप में मान्यता दी है। यहां 82 फीसदी कर्मचारियों ने हिंदी में काम करने का ज्ञान प्राप्त कर लिया है।

केंद्र सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों में भाषाई एकरूपता को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की है। हिंदी दक्ष कार्यालय की मान्यता पाने वालों में कुल 32 कार्यालय शामिल हैं। इसमें इंडो तिब्बतन सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सात, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (आईटीबीपी) के पांच और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 20 कार्यालय शामिल हैं।

गृह मंत्रालय का कहना है कि यह पहल हिंदी और क्षेत्रीय भाषा में कामकाज को बढ़ावा देने के प्रयास का हिस्सा है। गृह मंत्रालय ने अपने अधिकारी-कर्मचारियों और सीएपीएफ कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यालय को हिंदी दक्षता की मान्यता देने वाली अधिसूचना पिछले सप्ताह जारी की थी।

अधिसूचना में कहा गया है, राजभाषा (संघ के आधिकारिक उद्देश्यों के लिए उपयोग) नियम, 1976 (1987 में संशोधित) के नियम 10 के उप नियम (4) के अनुसरण में केंद्र सरकार एतद्द्वारा गृह मंत्रालय के तहत निम्नलिखित कार्यालयों को अधिसूचित करती है, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों ने हिंदी ज्ञान प्राप्त कर लिया है।

गृह मंत्रालय ने अप्रैल 2023 में अपने एक एतिहासिक निर्णय के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कॉन्स्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने को मंजूरी दी थी। यह ऐतिहासिक निर्णय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की पहल पर सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया गया था।

केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के बीच हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई पहल शुरू की हैं। केंद्र सरकार हिंदी का ज्ञान रखने वाले कर्मियों को उनकी दक्षता बढ़ाने के लिए हिंदी भाषा का प्रशिक्षण प्रदान करती है। इस पहल का उद्देश्य भाषाई विविधता का सम्मान करते हुए आधिकारिक कार्यों में हिंदी को बढ़ावा देना है।

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