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एसीबी सच उजागर करना चाहती तो विनय चौबे से पूछे आठ सवालः बाबूलाल

रांची, 29 मई । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को शराब घोटाले की एसीबी जांच पर फिर सवाल उठाए। मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि शराब घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे से दो दिनों के रिमांड पर एसीबी पूछताछ कर रही है। अगर इरादा सच में सच्चाई जानने का और घोटाले की तह तक जाने का हो तो उनसे ये आठ सवाल जरूर पूछे जाने चाहिए।

ये हैं बाबूलाल मरांडी के आठ सवालों की सूची

पहला सवालः छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से पहले जो पत्र मैंने मुख्यमंत्री को लिखा था, क्या वो आपको प्राप्त हुआ?

दूसरा सवालः अगर पत्र मिला, तो क्या उस पत्र को आपने पढ़ा भी? या सिर्फ अलमारी में रख दिया गया?

तीसरा सवालः यदि पत्र पढ़ा, तो उस पर आपने क्या कार्रवाई की?

चौथा सवालः क्या आपके पास मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई निर्देश आया उस पत्र के संबंध में?

पांचवां सवालः जब झारखंड के विधायक रायपुर भ्रमण पर गए थे, तो क्या वहां की व्यवस्था और गाड़ियों में भरकर उस होटल में शराब पंहुचवाने के लिये आपकी ओर से किसके आदेश पर किसी को कहा गया था?

छठा सवालः उस दौरान रायपुर के किन-किन लोगों से आपकी बातचीत हुई थी?

सातवां सवालः क्या मार्सन सिक्यूरिटिज और विजन हॉस्पिटालिटी जैसी कंपनियों का चुनाव मुख्यमंत्री/मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बिना संभव था?

आठवां सवालः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भूमिका इस पूरे घोटाले में कितनी रही और छत्तीसगढ़ सिंडिकेट आगमन से जो काली कमाई हुई उसमें मुख्यमंत्री की कितने की हिस्सेदारी थी?

पर सवाल तो पूछने पड़ेंगे ना?

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हम समझते हैं कि मुख्यमंत्री के अधीन एसीबी से ऐसी उम्मीद करना थोड़ा दु:साहसिक है। पर सवाल तो पूछने पड़ेंगे ना? सच तो ये है कि राज्य की जिस संस्था को स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए था।

वही संस्था सत्ताधारियों को बचाने की ढाल बनी दिख रही है। वैसे अगर एसीबी ये सारे सवाल नहीं पूछेगी तो आगे स्वतंत्र एजेंसियां इन सवालों का जवाब तो ढूंढ ही निकालेगी। फिर जनता इन जांचकर्ताओं से सवाल पूछेगी। क्योंकि झारखंड की जनता को सस्ती शराब नहीं, साफ शासन चाहिए।

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