आतंकवादी और उनके आका हमें उकसाते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा : मुख्तार अब्बास नकवी
नई दिल्ली । भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आतंकवादी और उनके आका हमें उकसाते हैं, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमें अपनी सेना की वीरता और उपलब्धियों तथा हमारी सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व पर बहुत गर्व है।
हमारे नेतृत्व द्वारा दिखाए गए दृढ़ संकल्प पर पूरे देश को गर्व है। प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत स्पष्ट और जोरदार संदेश दिया है कि अगर आतंकवादी और उनके आका हमें उकसाते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। अगर वे गोली चलाते हैं, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे। यह आतंकवाद के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति का प्रमाण है और इसके परिणाम स्पष्ट हैं क्योंकि आतंकवादी और उनके आका अब चिल्ला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक एक भी आतंकी जिंदा रहेगा, भारत की लड़ाई जारी रहेगी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमें अपनी सेना के शौर्य और पराक्रम पर गर्व है। हमारा जो नेतृत्व है, उस पर देशवासियों को गर्व है। पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर वहां से एक गोली चलेगी तो जवाब में यहां से गोला चलाया जाएगा।
उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष अब इस मामले में राजनीति करने का मौका ढूंढ रहा है। अगर पाकिस्तान सबूत मांगेगा, तो यहां विपक्षी दल भी सबूत मांगने की कतार में खड़े हो जाएंगे। सरकार तय करेगी कि संसद का विशेष सत्र होना चाहिए या नहीं।
एक सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि एक बात बहुत साफ है, सरकार ने भी यह स्पष्ट कर दिया है और यह लंबे समय से देश का संकल्प रहा है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भी भारत का हिस्सा है। यह संसद का सर्वसम्मति से लिया गया संकल्प है। इसे लेकर कोई भ्रम या विरोधाभास नहीं है। सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारी पार्टी का रुख भी यही है।
भारत-पाक के सीजफायर के दौरान कांग्रेस के नेताओं की ओर से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की फोटो शेयर कर उन्हें याद करने पर भाजपा नेता ने कहा कि आप इंदिरा गांधी के सम्मान को कब तक राजनीतिक हथियार बनाते रहेंगे? आपने दशकों तक सत्ता बनाए रखने के लिए उनके सम्मान का इस्तेमाल किया। पूरा देश इंदिरा गांधी का सम्मान करता है, लेकिन अगर आप इस तरह के सवाल उठाएंगे कि, “अगर इंदिरा गांधी होतीं तो वो ये करतीं या वो करतीं”, तो मुझे लगता है कि चर्चा अलग मोड़ लेगी।
जब आप ऐसा कहेंगे तो आपातकाल, लोकतंत्र की हत्या, जेल में बंद लाखों लोगों और उस दौरान बलिदान देने वाले हजारों लोगों के बारे में भी सवाल उठेंगे। इसी कारण इंदिरा गांधी के सम्मान को राजनीतिक हथकंडा बनाना बंद करें, क्योंकि इससे आपको कोई फायदा नहीं होगा।