एनआरसी लागू कर आदिवासियों की घटती संख्या की कराएं जांच : बाबूलाल
रांची, 18 मार्च । नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से एनआरसी लागू कर और आयोग बनाकर आदिवासियों की घट रही संख्या का पता लगाने की मांग की। बाबूलाल कल्याण मंत्री चमरा लिंडा की ओर से उठाए गए मामलों का जवाब दे रहे थे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार पता करे राज्य में किस समुदाय की आबादी कहां घटी है। उन्होंने कहा कि राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों में सबसे अधिक आबादी अल्पसंख्यकों की बढ़ी है। वर्ष 1951 से 2011 की जनगणना से पता चलता है कि राज्य में किस प्रकार आदिवासी घट रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे अधिक संथाल में आदिवासी घटे हैं।
उन्हाेंने कहा कि यहां 20 से 25 ऐसी महिला मुखिया हैं, जिनके पति दूसरे समुदायों के हैं। इस पर मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की ओर से अल्प संख्यकों की संख्या बढ़ने की बात आपत्तिजनक है।
शहरों में सिमटते चले गए आदिवासी : सुदिव्य
वहीं मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की ओर से ओबीसी का आरक्षण घटाकर 27 से 14 प्रतिशत क्यों कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि रांची, जमशेदपुर और धनबाद जैसे शहरों में आदिवासी सिमटते चले गए। इसके जवाब में बाबूलाल ने कहा कि राज्य में एसटी, एससी और ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को बिहार से एडॉप्ट किया गया है। कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में ओबीसी आरक्षण को 27 से घटाकर 14 प्रतिशत किया गया है। उन्होंने कहा सारी जानकारियां फाइलों में हैं, जिसे कोई पढ़ सकता है।
वहीं कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि विपक्ष के एक सांसद संसद में कहते हैं कि संथाल को झारखंड से अलग कर देना चाहिए। इनसे आदिवासी हित के बारे में कैसे सोचा जा सकता है।
परिसीमन विपक्ष दे सरकार का साथ : हेमलाल
झामुमो के विधायक हेमलाल मुर्मू ने कहा कि भाजपा बताए कि परिसीमन पर क्या वह सरकार के साथ खड़े होकर केंद्र के समक्ष विरोध दर्ज करा सकता है या नहीं। उन्होंने कहा कि पिछली बार परिसीमन का हमलोगों ने जोरदार विरोध किया था, जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी ने सहयोग करते हुए इसे झारखंड में लागू नहीं किया। इस काम में विपक्ष की ओर से लालकृष्ण आडवाणी ने भी सहयोग किया था। उन्होंने कहा कि राज्य में आदिवासी सीटों की संख्या न घटे इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष भी सहयोग करें। कांग्रेस विधायक डॉ रामेश्वणर उरांव ने कहा कि दक्षिण के राज्योंं में परिसीमन का जोरदार विरोध हो रहा है।