बोकारो भूमि घोटाला मामले में ईडी ने की छापेमारी, जमीन की हेराफेरी के दस्तावेज जब्त
रांची, 22 अप्रैल । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बोकारो के तेतुलिया मौजा में हुए भूमि घोटाले में झारखंड और बिहार के 15 ठिकानों पर छापेमारी की। सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दायरे में रांची की राजबीर कंस्ट्रक्शन, जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल लोगों के अलावा चास के पूर्व अंचल अधिकारियों को शामिल किया गया है।
राजबीर कंस्ट्रक्शन ने जमीन की खरीद-बिक्री में पैसा निवेश किया है। छापेमारी के दौरान जमीन की हेराफेरी से जुड़े दस्तावेज जब्त किये गये हैं। इसके अलावा खरीद बिक्री में मिली रकम के निवेश से संबंधित मिले है उस दस्तावेज की जांच जारी है।
ईडी ने बोकारो भूमि घोटाले के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज करने के बाद मंगलवार (22 अप्रैल) की सुबह छापेमारी की कार्रवाई शुरू की। ईडी की टीम सुबह करीब सात बजे, रांची, बोकारो, हजारीबाग, धनबाद और पटना के कुल 15 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा।
ईडी ने चास के पूर्व अंचल अधिकारी दिवाकर द्विवेदी के धनबाद और निर्मल टोप्पो के हजारीबाग स्थित ठिकानों पर भी छापा मारा। निर्मल टोप्पो को बोकारो की इसी जमीन की गलत बंदोबस्ती करने के आरोप में बर्खास्त किया चुका है।
ईडी ने चास के पूर्व अंचल अधिकारी दिवाकर द्विवेदी के ठिकानों पर दूसरी बार छापा मारा। इससे पहले कांके अंचल में हुए जमीन घोटाले में ईडी ने उसके ठिकानों पर छापा मारा था। कांके जमीन घोटाले की जांच के बाद ईडी की ओर से दिवाकर द्विवेदी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। द्विवेदी फिलहाल धनबाद जिले में जिला परिवहन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित हैं।
ईडी ने रांची में राजबीर कंस्ट्रक्शन के निदेशक पुनित अग्रवाल और उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित आयुष सिंह के ठिकानों पर भी छापेमारी की। आयुष सिंह का संबंध शैलेश सिंह से है। शैलेश सिंह उमायुष मल्टीकॉम कंपनी के निदेशक है।
उमायुष मल्टीकॉम कंपनी ने 74.38 एकड़ जमीन 10.30 करोड़ रुपये में खरीदी थी। एक लाख रुपये के शेयर कैपिटल वाली इस कंपनी ने अपने गठन के एक- दो महीने बाद ही बोकारो की यह जमीन 10.30 करोड़ रुपये में खरीदी थी।
जमीन की खरीद 10, 11 और 12 फरवरी 2021 को चार सेल डीड के माध्यम से की गयी थी। ईडी की ओर से की गयी जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली है कि उमायुष मल्टीकॉम को जमीन खरीदने के लिए राजबीर कंसट्रक्शन ने फंड उपलब्ध कराया था।
ईडी ने उमायुष मल्टीकॉम को फंडिंग करने की वजह से राजबीर कंस्ट्रक्शन को छापेमारी के दायरे में शामिल किया है। ईडी ने उमायुष मल्टीकॉम के निदेशक शैलेष सिंह के पटना स्थिति ठिकानों पर भी छापा मारा है।
ईडी ने बोकारो में जमीन की बिक्री करने वाले इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन के ठिकानों पर भी सुबह से ही छापेमारी शुरु की। इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन ने 74.38 एकड़ जमीन उमायुष मल्टीकॉम को सिर्फ 10.30 करोड़ रुपये में बेची थी। सर्किल रेट से इस जमीन की कीमत 23.13 करोड़ रुपये है। जबकि जमीन का बाजार मूल्य इससे कई गुना अधिक है। बोकारो की जिस जमीन की खरीद बिक्री के सिलसिले में ईडी कार्रवाई कर रही है उस जमीन पर इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन ने अपने पूर्वजों की ओर से1933 में पुरूलिया जिला प्रशासन की ओर से की गयी नीलामी में खरीदने के आधार पर दावा किया था। इसी दावे के अनुरूप तत्कालीन अंचल अधिकारी निर्मल टोप्पो ने जमीन की बंदोबस्ती की थी। सरकार ने जांच के बाद गलत तरीके से सरकारी जमीन की बंदोबस्ती करने के आरोप में निर्मल टोप्पो को बर्खास्त कर दिया था।
जमीन रैयती है या वनभूमि इस मुद्दे पर कानूनी विवाद जारी है। राज्य सरकार हाईकोर्ट में जमीन से संबंधित केस हार चुकी है। वन विभाग ने जमीन पर अपनी दावेदारी स्थापित करने के लिए टाईटल सूट दायर कर रखा है। इसके अलावा फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन पर मालिकाना हक जताने के आरोप में प्राथमिकी भी दर्ज करायी है।
फिलहाल वन विभाग द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की जांच झारखंड पुलिस की सीआईडी कर रही है।