वीरांगना कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा- भाषा के नाम पर देश को तोड़ने का काम बंद होना चाहिए
नई दिल्ली, 29 मार्च । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश की विडंबना है कि तमिल और हिन्दी भाषा के बीच विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी तमिल संगमम आयोजित कर सभी भाषाओं के बीच एक सामंजस्य स्थापित किया है। सभी भाषा का महत्वपूर्ण स्थान है लेकिन कुछ लोग भाषा के नाम पर देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाषाओं से परे देश को जोड़ने का काम महिलाओं की शक्ति करेगी। राजनाथ सिंह शनिवार को यहां केदारनाथ साहनी ऑडिटोरियम में भाजपा महिला मोर्चा द्वारा आयोजित वीरांगना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। महिला वीरांगनाओं ने देश के लिए प्राण तक न्योछावर कर दिए। 75 ऐसी महिलाओं की कहानी को देश के सामने रखने का भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा का प्रयास सराहनीय है। संविधान निर्माण में महिलाओं की भूमिका को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माण में 389 लोगों की भूमिका अहम थी, जिसमें 15 महिलाएं थी। सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। एक नए भारत का उदय हुआ है। एक नया अवसर पैदा हुआ है। अब सेना में महिलाओं को परमानेंट कमिशन दिया जा रहा है। ऐसी कोई शाखा नहीं है, जहां महिलाएं नहीं हैं। हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर समुंदर की गहराइयों तक देश की रक्षा महिलाएं कर रही हैं। पीएम मुद्रा योजना में भी 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। विकासशील से विकसित देश बनाने की राह में महिलाओं की भूमिका अहम है। आज हम विश्व में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और आने वाले दिनों में तीसरी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। इसमें भी महिलाओं की भागीदारी अहम है।
इस कार्यक्रम में महिला स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में भाजपा महिला मोर्चा द्वारा तैयार की गई “वीरांगना” ई पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा भी उपस्थित थे।
इस मौके पर अपने संबोधन में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन ने कहा कि रानी वेलू नाच्चियार की कहानी को हिन्दी भाषा में अनुवादित करने के बाद इसे पूरे देश के लोगों से अवगत कराने के लिए इसका मंचन राजधानी में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम दो कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। आज़ादी का अमृत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री के अनुरोध पर महिलाओं की शक्ति का सम्मान करने के लिए स्वतंत्रता सेनानी की खोज की गई। भाजपा महिला मोर्चा ने भारत की महिला स्वतंत्रता सेनानियों की पहचान करके और उन्हें मान्यता देकर नारी शक्ति का जश्न मनाने की वीरांगना पुस्तक तैयार की, जिसका आज विमोचन किया गया। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पर हिन्दी का विरोध करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हिन्दी में रानी वेलू नाच्चियार की कहानी पेश करने का मतलब हिन्दी को थोपना नहीं है, जैसा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टॉालिन मानते हैं। हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत हिन्दी भाषा में रानी वेलू नाच्चियार की वीरता की कहानी देश के कोने कोने तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इससे लोग तमिलनाडु के गौरवशाली इतिहास से भी रुबरू होंगे और पूरा देश उनकी वीरता को सलाम करेगा। इस मौके पर रानी वेलू नाच्चियार की कहानी को मंचित किया गया। इस मौके पर उनके वंशज भी मौजूद रहे।
कौन थी रानी वेलू नाच्चियारःरानी वेलू नाच्चियार( 1730-1796) भारत की पहली ऐसी रानी थीं, जिन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ा और उसमें विजय प्राप्त की। यह युद्ध 1857 से पहले हुआ था। तमिलनाडु के शिवगंगा की रानी के रूप में उन्हें उनकी अद्वितीय बहादुरी, बुद्धिमानी और रणनीतिक युद्ध कौशल के लिए याद किया जाता है। 1772 में ब्रिटिश सेना और उनके सहयोगी आरकाट के नवाब ने उनके पति राजा मुथु वडुगनाथ पेरिया उड़या थेवर की हत्या कर दी। आठ साल के लिए निर्वासन में रहने के लिए बाद उन्होंने एक शक्तिशाली सेना का गठन किया, जिसमें एक विशेष महिला रेजिमेंट “उड़याल पड़े” भी शामिल थी। 1780 में ब्रिटिश सेना के खिलाफ युद्ध कर अपना राज्य वापस हासिल किया।