भारत–यूके व्यापार समझौते से बिहार में खुलेंगे रोजगार और निर्यात के द्वार : नीतीश मिश्रा
पटना। बिहार सरकार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के बीच हुए व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) को लेकर खुशी का इजहार किया है।उन्होंने इस समझौते को न केवल देश के लिए, बल्कि बिहार के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।
बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने शुक्रवार को कहा है कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में पहचान का द्योतक है। इस ऐतिहासिक समझौते के तहत भारत के 99 प्रतिशत निर्यात को यूनाइटेड किंगडम में शून्य शुल्क की सुविधा मिलेगी। इससे खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, चमड़ा, आभूषण और खिलौना उद्योग जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो बिहार जैसे श्रम-प्रधान राज्यों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार में उभरते हुए खाद्य प्रसंस्करण और कपड़ा क्षेत्र, महिला स्वयं सहायता समूहों और एमएसएमई को इस समझौते से अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचने का अभूतपूर्व अवसर मिलेगा। इससे युवाओं, उद्यमियों और स्थानीय कारीगरों के लिए नए रोजगार और निर्यात के द्वार खुलेंगे।
नीतीश मिश्रा ने बताया कि इस समझौते के अंतर्गत सूचना प्रौद्यौगिकी, शिक्षा, वित्त, इंजीनियरिंग और कंसल्टिंग जैसे सेवाओं के क्षेत्रों में भी भारत को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है। साथ ही भारतीय पेशेवरों के लिए बीजा और प्रवेश प्रक्रियाएं आसान की गई हैं। डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन के लागू होने से भारतीय कामगारों और उनकी कंपनियों को तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भारत और यूके के बीच 56 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है और इस समझौते के तहत 2030 तक इसे दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह विज़न विकसित भारत के निर्माण और आत्मनिर्भर भारत के मार्ग को मज़बूत करेगा। बिहार को इससे व्यापक अवसर प्राप्त होंगे, जिनका उपयोग हम सबको मिलकर करना होगा।