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केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड की 38वीं बैठक संपन्न, ऐतिहासिक धरोहर स्थलों पर पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने पर दिया गया जोर

नई दिल्ली, 23 अप्रैल । भारत मंडपम में बुधवार को केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड (सीएबीए) की 38वीं बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक में भारत के समृद्ध पुरातात्विक विरासत स्थलों की सुरक्षा और संवर्धन की दिशा में सामूहिक प्रयास और पर्यटकों के अनुभवों को बढ़ाने पर जोर दिया गया।

इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकास भी विरासत भी’ के आदर्श वाक्य को दोहराते हुए कहा कि विरासत स्थलों पर आगंतुकों और पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। हाल ही में उत्खनन और अन्वेषण कार्यों की बढ़ती संख्या की सराहना करते हुए मंत्री ने उत्खनन और अन्वेषण परियोजनाओं को अधिक व्यापक, समावेशी और दूरगामी बनाने पर बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने एएसआई के अंडरवाटर पुरातत्व विंग (यूएडब्ल्यू) के पुनरुद्धार की रूपरेखा तैयार की, जिसके तहत द्वारका के पानी में अन्वेषण चल रहा है।

उन्होंने भारत में पुरावशेषों की सफल वापसी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देश की सांस्कृतिक पहचान को बहाल करने में एक बड़ी उपलब्धि है और वैश्विक सांस्कृतिक विरासत के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने पुरातत्व और विरासत संरक्षण के क्षेत्र में हितधारकों के बीच नियमित संवाद और सहयोगी योजना सुनिश्चित करने के लिए सीएबीए की लगातार वार्षिक बैठकों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल ने भारत की विविध विरासत और स्मारकों के संरक्षण में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की भूमिका पर प्रकाश डाला। विरासत प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचार और आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने पुरालेख के क्षेत्र सहित संरक्षण और संरक्षण प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आगंतुकों के अनुभव को बढ़ाने के लिए विरासत स्थलों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित टूर गाइड तैनात किया जा रहा है। सचिव ने अर्थव्यवस्था में योगदान देने में विरासत संरक्षण की क्षमता को भी रेखांकित किया। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि विरासत के काम से जुड़े पारंपरिक कलाकारों और मूर्तिकारों को रचनात्मक स्टार्ट-अप के रूप में समर्थन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पारंपरिक कौशल को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित होंगे। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र के साथ सफल साझेदारी के साथ एएसआई की 37 विरासत स्थलों को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनाए जा रहे हैं।

इस महत्वपूर्ण बैठक की शुरुआत सीएबीए के दिवंगत सदस्यों और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।

यह महत्वपूर्ण बैठक भारत सरकार के केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में आयोजित की गई थी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक के तत्वावधान में आयोजित की गई थी। इसके अलावा बैठक में संसद सदस्य (राज्यसभा), डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी के साथ-साथ देश भर से अन्य प्रमुख गण्यमान्य व्यक्ति, विशेषज्ञ, वरिष्ठ अधिकारी और हितधारक भी शामिल हुए।

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