पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इंडियन बैंक की पहल
कोलकाता। इंडियन बैंक ने पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से 151 करोड़ रुपए का ऋण आवंटित किया है। यह ऋण महिला स्व-सहायता समूह (एसएचजी) और लखपति दीदी योजना के तहत दिया गया है। इस योजना के तहत पश्चिम एवं पूर्व मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिलों को शामिल किया गया है।
बैंक के अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इसके लिए प्रत्येक जिले में अलग से अलग-अलग दिन पर मेले का आयोजन किया गया था। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मेदिनीपुर कस्बे में आयोजित एक विशेष ऋण मेले में कुल 513 महिलाओं ने भाग लिया। इनमें से कुछ महिलाएं पोल्ट्री पालन का कार्य करती हैं, तो कुछ ने सिलाई मशीनों के माध्यम से स्कूल यूनिफॉर्म तैयार की हैं। अन्य महिलाएं आभूषण निर्माण, अगरबत्ती, माचिस और साबुन बनाने जैसे व्यवसायों में लगी हुई हैं।
इस अवसर पर महिलाओं ने इस पहल को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने का बेहतरीन अवसर बताया।
एक महिला एसएचजी सदस्य नमिता राणा ने कहा कि मैं नदिया जिले के कृष्णानगर शाखा से संबंधित 10 महिलाओं के एक समूह की सदस्य हूं। हमें 20 लाख रुपए का ऋण मिला, जिससे हमारे व्यवसाय को बहुत लाभ हुआ और इसे और अधिक बढ़ावा मिला। महिलाओं ने इंडियन बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों का इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया।
इंडियन बैंक के महाप्रबंधक मिथिलेश कुमार ने कहा है कि यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी योगदान देगी। उन्होंने कहा, “आर्थिक रूप से स्वतंत्र महिलाएं समाज को नई दिशा देंगी।”
यह ऋण झाड़ग्राम, पूर्व मिदनापुर और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में बैंक की 85 शाखाओं के माध्यम से वितरित किया गया। बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को उनके छोटे व्यवसायों को बढ़ाने और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद करना है।