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भारतीय खेल उद्योग के 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना: फिक्की

नई दिल्ली, 30 नवंबर :भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारतीय खेल उद्योग विकास के दौर में है और 2027 तक खेल उद्योग के 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

फिक्की–नांगिया नेक्स्ट नॉलेज की रिपोर्ट ‘भारत में खेलों का भविष्य’ में कहा गया है कि भारत में खेल उद्योग 2020 में 27 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2027 तक 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।

खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव कुणाल ने आज 14वें वैश्विक खेल शिखर सम्मेलन – ‘फिक्की टर्फ 2024’ को संबोधित करते हुए कहा कि खेल अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि खेलों का प्रशासन उचित, न्यायसंगत और न्यायसंगत हो ताकि जो लोग खेलना चाहते हैं उन्हें पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के साथ-साथ अवसर मिले।

कुणाल ने कहा कि भारत ने 2036 में ओलंपिक की मेजबानी करने की घोषणा की है और सभी हितधारकों को न केवल 2036 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बल्कि 2047 के भारत के दृष्टिकोण को भी प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने खेल नीति 2024 और राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का मसौदा पेश करते हुये कहा कि जल्द हम इन दोनों दस्तावेजों को अंतिम रूप देने जा रहे हैं। ये दस्तावेज़ केवल खेल के बारे में नहीं है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था का चालक है।

फिक्की खेल समिति के अध्यक्ष और जीएमआर स्पोर्ट्स के अध्यक्ष पीकेएसवी सागर ने कहा, “ भारतीय खेल का भविष्य सरकारों, निजी उद्यम, खेल संगठनों और व्यक्तियों के बीच निर्बाध सहयोग पर निर्भर करता है।

तमिलनाडु के अतिरिक्त मुख्य सचिव, युवा कल्याण और खेल विकास अतुल्य मिश्रा ने कहा कि खेल का स्वामित्व महासंघों, खिलाड़ियों के पास है और हम नियामक नहीं बल्कि एक हैं। मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार कोयंबटूर और चेन्नई में नए क्रिकेट स्टेडियम बना रही है। तमिलनाडु में सभी सरकारी नौकरियों में से तीन प्रतिशत पूर्व-खिलाड़ियों के लिए आरक्षित हैं और मुख्यमंत्री अगले सप्ताह 100 नौकरियां देंगे। हमने तमिलनाडु चैंपियन फंड बनाया है जिसमें बड़ी मात्रा में सीएसआर आ रहा है।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजय जडेजा ने कहा कि अगर हम छोटे बच्चों के जीवन में खेल को शामिल करने के लिए काम कर सकें तो 2036 का लक्ष्य निश्चित रूप से हासिल किया जा सकेगा। खेलों का विकास अब जमीनी स्तर पर भी दिखने लगा है और हमें खो-खो खेल को भी बढ़ावा देना चाहिए।

रग्बी इंडिया के निदेशक, राहुल बोस ने कहा कि खेलों में भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है और जब हम जीतने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हमें इसे सही तरीके से करना चाहिए। नैतिकता, पारदर्शिता, जवाबदेही और विश्वास ही जीतने के एकमात्र तरीके हैं। आज मैं हर जगह ऐसे चेहरे देख रहा हूं जिनके बारे में आपने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वे भारतीय खेलों का हिस्सा होंगे।

ओलंपियन और भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने कहा, “मैंने खेल क्षेत्र में बदलाव होते देखा है और अब हम सरकार और विशेष रूप से खेल मंत्रालय से जो समर्थन मिल रहा है, उसके लिए मैं आभारी हूं। इसके अलावा, कॉर्पोरेट क्षेत्र का समर्थन इस क्षेत्र और खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद होगा।”

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