भारत के टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को विश्व में मिल रही मान्यता : जेपी नड्डा
नई दिल्ली, 24 मार्च । केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को कहा कि भारत के टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) उन्मूलन कार्यक्रम को अब विश्व में मान्यता मिल रही है।अब दूसरे देश भी भारत में चल रहे सफल टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को अपना रहे हैं।
विश्व टीबी दिवस के मौके पर सोमवार को विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि 100 दिन का सघन टीबी उन्मूलन के समापन समारोह में हम इसके खात्में के संकल्प के साथ देश के सभी जिलों में इस अभियान को तेजी से चलाएंगे। टीबी के खिलाफ जंग जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया था जबकि विश्व ने इसके लिए 2030 का संकल्प लिया है। इस टीबी उन्मूलन यात्रा जनभागीदारी के साथ सरकारी प्रयास लगाए गए। पहले टीबी की जांच के लिए 121 मशीनें हुआ करती थी जो आज बढ़कर 8540 मॉलिक्यूलर डॉगनॉस्टिक मशीनें हो गई है। एआई का भी योगदान रहा है। निक्षय मित्र, निक्षय पोषण योजना प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी सोच का योगदान है। टीबी उन्मूलन में निजी क्षेत्र को शामिल करना बहुत बड़ा कदम है। जेपी नड्डा ने कहा कि 100 दिन का टीबी मुक्त अभियान अविश्वनीय है। हरियाणा से शुरू हुई यह यात्रा, आज काफी सफल हुई है। उन्होंने बताया कि सात दिसंबर 2024 को देशभर में 100 दिन के लिए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान शुरू हुआ।
23 मार्च तक इस अभियान के तहत सभी राज्यों ने मिलकर 12.97 करोड़ लोगों की जांच की जिसमें 7.19 लाख नए मरीजों की पहचान की। 2015 से 2023 के बीच नए मामलों में 17.7 फीसदी की कमी आई ,जो अब बढ़कर 25 फीसदी तक पहुंची है। यह वैश्विक दर की तुलना में करीब 10 फीसदी ज्यादा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद भारत ने टीबी से मुक्ति पाने के लिए 2025 तक का लक्ष्य रखा है। करीब आठ साल से जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर इस बीमारी के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका परिणाम है कि अब 50 हजार से ज्यादा गांव टीबी मुक्त हुए हैं। करीब 10 हजार से ज्यादा ब्लॉक टीबी फ्री हुए हैं। खुशी जाहिर करते हुए जे पी नड्डा ने कहा कि इस अभियान में 150 से ज्यादा ने सांसदों ने भागीदारी की।10 हजार से अधिक पंचायत ने भागीदारी की। जनआंदोलन की बड़ी भागीदारी है।इसमें एनजीओ, हेल्थवर्कर, हर क्षेत्र के लोगों की भागीदारी रही है यह महज औपचारिकता नहीं है।सच में हमने कर दिखाया है। अब इस कार्यक्रम और आगे बढ़ाएंगे जिसमें सांसद साथियों, राज्य सरकारों को जोड़ा जाएगा। ताकी टीबी मुक्त भारत की ओर तेजी से अग्रसर हो सकें।