देश में असमानता बढ़ी है, मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं: दिग्विजय सिंह
नयी दिल्ली, 07 अगस्त : कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार के कार्यालय में अब तक पेश सभी 11 बजटों में संविधान की भावना का उल्लंघन किया गया है क्योंकि इस दौरान देश में असमानता बढ़ी है और गरीब अधिक गरीब हुआ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सदन में विनियोग(संख्याक दो)विधेयक2024 और जम्मू- कश्मीर विनियोग(संख्याक3) विधेयक 2024 को सदन में पेश किये जाने पर श्री सिंह ने चर्चा की शुरूआत करते हुये कहा कि देश में सामाजिक और आर्थिक स्तर पर असमानता बढ़ा है जबकि यह देश अनेकता में एकता वाला है। विकास,प्रयास और विश्वास की बात तभी जो सकती है जब सभी वर्गों विशेषकर गरीबों की बात सुनी जायेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यालय में अब तक 11 बजटों से संविधान का उल्लंघन हुआ है क्योंकि देश में असमानता बढ़ी है। कुछ लोगों के पास देश की 40 प्रतिशत सपंत्ति है और मात्र एक प्रतिशत लोगों के पास 22 प्रतिशत संपत्ति है।
उन्होंने कहा कि देश के संसाधन पर पहला हक सबसे उपेक्षित और संसाधन विहीन लोगों का होता है जबकि यहां इसके उल्ट है। सरकार कहती है देश में 24 करोड़ से अधिक लोगों के गरीबी से निकालने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि उसको मिल रहा है जिसके पास भूमि है। जिसके पास भूमि नहीं है उसकाे कुछ नहीं मिल रहा है। वृद्धा पेंशन में भी वृद्धि नहीं की गयी है। विधवा पेंशन और विंकलांग पेंशन में भी ऐसे ही है। आज गरीब के साथ ही मध्यम वर्ग भी त्रस्त है। मात्र 2.2 प्रतिशत लोग आयकर देते है। आज जो कार्पोरेट से कर आता है वह प्रत्यक्ष आयकर से भी कम हो गया है जबकि मोदी सरकार ने कार्पोरेट को चार गुना लाभ दिया है जिसको विनिर्माण में नहीं लगाया गया है। मोदी सरकार के कार्यालय में खरबपतियों की संख्या बढ़ी है। तीन सौ अमीर परिवारों पर सिर्फ दो प्रतिशत कर लगा देने से पूरा बजट पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। इसको दूर करने का सबसे बड़ा साधान कौशल विकास है। इसके साथ ही, अधिक श्रम बल उपयोग वाले क्षेत्रों की ओर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। सभी कैंसर दवाओं को उत्पाद शुल्क समाप्त कर देना चाहिए। स्वास्थ्य क्षेत्र पर जीएसटी को समाप्त कर देना चाहिए। शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान दिये जाने की जरूरत है। कर सुधार की बात की गयी है। आईबीसी का सबसे अधिक लाभ कंपनियों को हुआ है।
श्री सिंह ने जम्मू-कश्मीर का उल्लेख करते हुये कहा कि अमेरिका ने अपने नागरिकों को यात्रा सलाह जारी करके कहा है कि जम्मू-कश्मीर जाना खतरे से खाली नहीं है। राज्य को केन्द शासित प्रदेश बना दिया गया। देश में आतंकवाद के साथ ही कर आतंकवाद भी बढ़ा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर (आईटी) का राजनीतिक हथियार की तरह उपयोग किया जा रहा है। सीबीडीटी अध्यक्ष किसको रिपोर्ट करते हैं। विपक्ष के नेताओं पर ईडी और आइटी की कार्रवाई हो रही है। जिनके यहां इनका छापा पड़ा उन्होंने भाजपा को चंदा दिया।
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्राइन ने कहा कि बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी है जिसे समाप्त किया जान चाहिए। इसके लिए 350 सांसदोें ने पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव किये जाने का आरोप लगाते हुये कहा मनरेगा सहित अधिकांश केन्द्रीय योजनाओं को लेकर 2021 से श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए। मनरेगा के एक रुपया नहीं दिया गया है। उन्होंने मोदी सरकार से जनमत का समर्थन करने की अपील करते हुये कहा कि राज्य सरकार का साथ दीजिय।
वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि मध्यम वर्ग पर कराधान पर विचार किये जाने की जरूरत है। सरकार से उनको कुछ नहीं मिल रहा है। उन्हें प्रोत्साहन भी नहीं मिल रहा है। पेंशन को कर मुक्त किया जाना चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर रिटर्न दाखिल करने को सरल बनाने पर सरकार को विचार करना चाहिए। कृषि उपरकणों पर अधिक जीएसटी है जिसे कम किया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि यह सरकार सबका साथ सबका विकास की परिकल्पना पर काम कर रही है। समाज के सभी वर्गाें और अर्थव्यवस्था के सभी कारकों का ध्यान रखा गया है। सरकार का पूरा ध्यान गरीबों, युवाओं, किसान और महिलाओं पर है। मध्यम वर्ग के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को भी ध्यान में रखा गया है। बेरोजगारी दूर करने पर सरकार को पूरा ध्यान है और युवाओं को रोजगारोन्मुख बनाया जा रहा है।
द्रविड मुनेत्र कषगम के पी विल्सन ने कहा कि जरुरतमंदों की पेंशन कई वर्ष से नहीं बढाई गयी है। घोषित परियोजनायें पूरी नहीं हुई है और कुछ बहुत धीरे चल रही है।
आम आदमी पार्टी के राघव चड्डा ने कहा कि कर नीति में भयानक असमंजस हैं। सरकार को वित्तीय समावेशन बढाने की दिशा में काम करना चाहिए। स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए। बीमा के लिए सरकार को प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहु स्तरीय कर प्रणाली पर भी चिंता व्यक्त की।
बीजू जनता दल की सुलता देव ने कहा कि यह कुर्सी बचाव बजट है। ओडिशा के लोगों को डबल इंजन सरकार में डबल घाटा हुआ है। उन्होंने कहा कि ओडिशा प्राकृतिक आपदा वाला राज्य है। राज्य में पिछले 11 वर्ष में 16 चक्रवाती तूफान आये हैं। इसलिए विशेष पैकेज देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के हित में पोलावरम परियोजना बंद करनी चाहिए। इससे आदिवासी समाज को घाटा होगा।
राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने कहा कि देश में 10 प्रतिशत लोगों के पास 80 प्रतिशत संपत्ति है। जातिगत जनगणना से प्रभावी बजट बनेगा। छोटी जोत का किसान और मजदूर सरकार की प्राथमिकता में होना चाहिए। सरकार को आर्थिक समायोजन की ओर बढना चाहिए। इससे बेरोजगारी की चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी। कुलियों को रेलवे के किसी भी विभाग में समायोजन करना चाहिए। उच्च शिक्षा की प्रणाली बदली जानी चाहिए। अमेरिका से आने वाले सेब का कश्मीर के सेब पर असर का अध्ययन होना चाहिए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष कुमार पी ने कहा कि बजट देश की वास्तविक समस्याओं को प्रदर्शित नहीं करता है।
भारतीय जनता पार्टी के भागवत कराड ने कहा कि गरीब, युवा, महिला और किसान के हित में बहुत काम हुआ है। लोगों को उनके लाभ उनके बैंक खातों में मिल रहे हैं। सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग को मदद दे रही है। आर्थिक सुधार किये जा रहे हैं जिनसे कारोबार आसान हो रहा है। विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए श्री कराड ने कहा कि लोग अपना रोजगार शुरु कर रहे हैं। समाज में आर्थिक असमानता कम हो रही है। बजट में अगले पांच वर्ष में चार करोड दस लाख युवाओं को रोजगार देने का प्रावधान किया है।
कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सरकार को कृषि को प्राथमिकता में रखना होगा। कृषि और कृषि आदानों पर जीएसटी लगायी जा रही है जबकि प्लेटियम पर जीएसटी घटायी जा रही है। सरकार की नीतियों से सूरत का हीरा काराेबार संकट में जा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत की जान है। राज्य के लोगों का भरोसा जीतना होगा। अनुच्छेद 370 हटाने के परिणाम अच्छे नहीं रहे हैं।
अन्नाद्रमुक के एम तंबी दुरै ने तमिलनाडु में लंबित रेल परियोजनाओं तथा कच्चातिवू द्वीप को लेकर श्रीलंका के साथ चल रहे विवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस द्वीप में तमिलनाडु के मछुआरों को परेशान किया जा रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने कहा कि केन्द्र पश्चिम बंगाल सरकार की 34 हजार करोड़ रूपये की राशि का भुगतान नहीं कर रही है। सहकारी संघवाद का सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और केरल में केन्द्र सरकार की ओर से नाम मात्र की राशि खर्च की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए भी पश्चिम बंगाल को केन्द्र की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्पादन प्रोत्साहन योजना का 70 प्रतिशत हिस्सा केवल एक राज्य गुजरात को जा रहा है।
भाजपा के अरूण सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के शासन में गरीब, किसान और ढांचागत सुविधाओं के लिए खजाना खुला हुआ है और इनके लिए बड़ी राशि खर्च की जा रही है। विभिन्न वैश्विक सूचकांकों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत का स्थान इनमें कई गुना बढ गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में विभिन्न मंत्रालयों का आवंटन भी कई गुना बढाया गया है।
तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक ने आयकर या अन्य एजेन्सियों द्वारा लोगों या कंपनियों को दिये जाने वाले नोटिस के जवाब के लिए कम से कम 15 दिन का समय दिये जाने की मांग की।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फौजिया खान ने कहा कि हर व्यक्ति अपनी आमदनी का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा कर के रूप में देता है। उन्होंने कहा कि इतना कर लेने के बावजूद सरकार की ओर से दी जा रही स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र की सुविधाएं बदहाल हैं। आरक्षण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सभी वर्ग आरक्षण मांग रहे हैं जिससे कटुता और तनाव बढ रहा है। उन्होंने जातिगत जनगणना कराने तथा आरक्षण की सीमा बढाये जाने की मांग की।
भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के बढने के बावजूद सरकार ने महंगाई पर काबू रखा है और यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अभी दुनिया में सबसे कम महंगाई भारत में है। देश में व्यवसाय की सुगमता बढने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना काल में भी देश में 13 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था।
उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार ने जातिगत जनगणना करायी थी लेकिन उसके आंकड़े क्यों नहीं प्रकाशित किये। उन्होंने कहा कि देश में सबको अनुसूचित जाति , जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या का पता है फिर विपक्ष किस बात की गणना कराना चाहता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग के वंचित लोगों को आरक्षण देकर सबको समान अधिकार दिये हैं लेकिन विपक्ष इस समरसता को खराब करना चाहता है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने कहा कि सत्तापक्ष के अनुसार देश में महंगाई नहीं है लेकिन आम लोगों से पूछिए उनकी क्या स्थिति है। एक महीने में सब्जियों की कीमतों में 11 प्रतिशत की बढोतरी हो जाती है। लोगों की क्रय शक्ति कम होती जा रही है। बेरोजगारी भी बढ़ रही है और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि महंगाई का आलम यह है कि दिल्ली से त्रिवेन्द्रम का हवाई किराया दो गुना हो चुका है। पंद्रह हजार रुपये एक तरफ से देना पड़ता है। उन्होंने राज्यों विशेषकर केरल के साथ भेदभाव नहीं करने की भी अपील की। उन्होंने केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी को लेकर भी कुछ टिप्पणी की जिस पर श्री गोपी ने कहा कि श्री ब्रिटास ने पूरी गलत जानकारी दी है। केरल में पर्यटन को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है और तमिलनाडु और केरल के बीच धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां तक केरल में पर्यटन का मामला है तो यह काम राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को सुविधायें देने काम है लेकिन वाम सरकार और कांग्रेस सरकार दोनों इसमें विफल रही है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया है।
केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि केरल में जो घटना हुयी है और उसमें प्रवासी श्रमिकों की मौत दुखद है और पूरे सदन की संवेदना उसके साथ है। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र की बात की जा रही है वहां केन्द्रीय स्तर से कोई पर्यावरणीय मंजूरी नहीं दी गयी है लेकिन केरल सरकार ने अपने स्तर से खनन को मंजूरी दी है। वहां अवैध तौर से खनन हो रही है और अवैध मकान आदि बनाये गये हैं जिससे पर्यावरण को नुकसान हुआ है।
मनोनित सदस्य सतनाम सिंह संधु ने कहा कि पिछले 10 वर्षाें में आतंकवादी घटनाओं में कमी आयी है। प्रधानमंत्री आज सैनिकों के साथ त्योहार मनाते है। विकसित भारत के साथ विकसित पंजाब की बात होनी चाहिए लेकिन पंजाब पर बढ़ रहा ऋण चिंता की बात है। पंजाब में भू जल स्तर भी नीचे चला गया है और नदियां प्रदूषित हो रही है।
आईयूएमएल के सदस्य अब्दुल वहाब ने कहा कि केरल के पर्यटन और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए लेकिन केन्द्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा ,“ वक्फ कानून में संशोधन का प्रस्ताव सरकार को नहीं लाना चाहिए क्योंकि वक्फ बोर्ड को हम अपनी भूमि देते किसी काम के लिए देते हैं। इस आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सीटें कम हो गयी है और ऐसी स्थिति में वक्फ कानून में संशोधन नुकसान देह होगा।”
भारतीय जनता पार्टी के सिकंदर कुमार ने कहा कि जो बजटीय प्रावधान किये गये हैं वे भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग खोलने वाले है। भारत अभी दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले कुछ वर्षाें में यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वी शिवादासन ने कहा कि देश के अस्पतालों में चिकित्सकों के साथ ही अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है। केरल के साथ भेदभाव किया गया है और एम्स नहीं दिया गया है। राज्य में प्राकृतिक आपदाओं में हर वर्ष वृद्धि हो रही है। केन्द्र सरकार को केरल के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए थी लेकिन बजट में कोई विशेष राहत नहीं दी गयी है।
बहुजन समाज पार्टी के रामजी ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों ने गरीब बच्चों को दाखिला देने से ही मना कर दिया है या दिया भी है तो भारी शुल्क वसूली जा रही है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। सरकार गरीबों के बच्चों के शुल्क को शून्य करना चाहिए। उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी है लेकिन राज्य में विश्वविद्यालयों की संख्या बहुत कम है। इसको बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू- कश्मीर के बजट को बढ़ाने की जरूरत है। वहां सुरक्षा को बढ़ाने की अभी आवश्यकता है।