इरफान अंसारी के बयान के झारखंड की राजनीति में सियासी भूचाल
- अमर्यादित टिप्पणी से राज्य की महिलाएं मर्माहत
- चुनाव में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी इरफ़ान अंसारी की बदजुबानी
रांची : अक्सर अपने रोचक और दिलचस्प बयानों से चर्चा में रहने वाले जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार इरफान अंसारी भाजपा नेता सीता सोरेन के ‘रिजेक्टेड माल’ वाले टिप्पणी किये जाने को लेकर चर्चा में हैं। जिससे झारखंड का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। 24 अक्टूबर को इरफान अंसारी ने अपना नामांकन किया और उसके बाद मीडिया से बात करते हुए बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन के बारे में तथाकथित तौर पर ‘रिजेक्टेड माल’ वाली टिप्पणी की। सीता सोरेन ने कहा कि इरफान अंसारी ने नामांकन के तुरंत बाद मीडिया के सामने आकर मेरे लिए जो अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी होगी। पहले भी उन्होंने मेरे बारे में व्यक्तिगत बातें कही है लेकिन इस बार उन्होंने सारी सीमाएं लांघ दी हैं। माफी मांगिए, वरना उग्र विरोध के लिए तैयार रहिए। दूसरी और इरफान अंसारी ने कहा कि औरों के ख़यालात की लेते हैं तलाशी और अपने गरेबान में झाँका नहीं जाता। मैने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। मैं बोलता कुछ हूं छपता और वायरल कुछ और होता है। मेरा इंटेंशन हमेशा पॉजिटिव रहता है। सीता सोरेन पर इरफ़ान अंसारी की अमर्यादित टिप्पणी से झारखंड की महिलाएं मर्माहत हैं।
विधानसभा चुनाव के बुखार में तप रहे झारखंड में इरफ़ान अंसारी के अमर्यादित टिप्पणी से एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिससे कांग्रेस को नुकसान पहुंच सकती है।
- सीता सोरेन को ‘रिजेक्टेड माल’ कहने पर फंसे इरफान अंसारी
अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी, बीजेपी उम्मीदवार सीता सोरेन को ‘रिजेक्टेड माल’ कहा। बीजेपी ने अंसारी के खिलाफ जामताड़ा के टाऊन थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अंसारी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और अपने बयान से विपक्षी उम्मीदवार की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इसके साथ ही बीजेपी अनुसूचित जनजाति आयोग और चुनाव आयोग से भी शिकायत की है।
- ‘इरफान अंसारी नौटंकीबाज, गलती माफी लायक नहीं’, अभद्र टिप्पणी मामले में भड़कीं सीता सोरेन
झारखंड सरकार में मंत्री और प्रदेश कांग्रेस नेता इरफान अंसारी द्वारा अभद्र टिप्पणी के मामले में सीता सोरेन ने पलटवार करते हुए हमला बोला है. उन्होंने इरफान अंसारी को नौटंकीबाज बताया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बच्चे से गलती हो जाती है, लेकिन ये माफी लायक नहीं है।
वहीं सीता सोरेन ने कहा, हम इरफान अंसारी के आतंक से हम मुक्ति दिलाएंगे. झारखंड हमारा घर है हम कहीं से चुनाव लड सकते है इरफान अंसारी अपनी जगह देख लें. दरअसल, जामताड़ा से बीजेपी ने सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया तो वहीं इरफान अंसारी भी यहीं से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं।
- ये आदिवासी महिलाओं का अपमान
इससे पहले रविवार (27 अक्टूबर) को उन्होंने कहा, “जब से मेरी उम्मीदवारी की घोषणा हुई है, अंसारी मुझे निशाना बना रहे हैं। लेकिन नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने जो अपमानजनक टिप्पणी की, वह स्वीकार्य नहीं है. यह आदिवासी समुदाय की महिलाओं का अपमान है। आदिवासी समुदाय उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।”
- NCST ने मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने शनिवार को अंसारी की टिप्पणी का संज्ञान लिया और झारखंड सरकार को नोटिस जारी कर भीतर रिपोर्ट मांगी है।
- इरफान अंसारी ने सीता सोरेन से मांगी माफी
वहीं, इस पूरे प्रकरण पर जामताड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी सह मंत्री इरफान अंसारी और मध्य प्रदेश के झाबुआ के विधायक सह एआईसीसी ऑब्जर्वर डॉ विक्रांत भूरिया ने प्रेस कांफ्रेंस किया। इस मौके पर इरफान अंसारी ने कहा कि मैंने अपने बयान में कहीं सीता सोरेन का नाम नहीं लिया है फिर ये बातें कहां से आ रही हैं। अगर फिर भी सीता सोरेन को मेरी भावनाओं से ठेस पहुंची है और मुझसे एलर्जी है तो भाभीजी मुझे माफ कर दीजिए और इस मुद्दे को खत्म कर दीजिए।
- इरफान अंसारी के 10 विवादित बयान
06 जनवरी 2022: पीएम मोदी को हिंदुस्तान में अगर डर लगता है, तो जायें पाकिस्तान। बेवजह सिख समुदाय को किया जा रहा है बदनाम।
14 जनवरी 2022: जामताड़ा की सड़कें कंगना रनौत की गाल से ज्यादा चिकनी बनेंगी।
15 मार्च 2022: अब भाजपा के अनुसार कोर्ट चल रहा है। ये अच्छी परंपरा नहीं है। (हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद)
27 अप्रैल 2022: सीपी सिंह बाहरी हैं। उन्हें नमाज पर आपत्ति है, तो झारखंड छोड़े दें। (झारखंड विधानसभा के नमाज कक्ष को लेकर)
15 जून 2022: पुलिस की गोली से मरने वालों को शहीद का
दर्जा दे सरकार। पुलिस का काम लोगों की सुरक्षा करना, गोली चलाना नहीं है। (रांची मेन रोड उपद्रव पर)
19 जून 2022: देश होगा खून से लथपथ, किसी भी सूरत पर अग्निपथ स्वीकार नहीं। (अग्निपथ आंदोलन पर)
20 जून 2022: हां, मेरे बाप की जागीर है झारखंड। उनके अथक प्रयास और त्याग से राज्य का निर्माण हुआ। असदुद्दीन ओवैसी है भाजपा का एजेंट।
11 जुलाई 2022: जामताड़ा है ज्ञान का स्थल? चंद मिनटों में यहां के युवक लोगों के बैंक खाते से उड़ा देते हैं पैसे।
22 जुलाई 2022: कंस ने भी दूध-दही और मक्खन पर टैक्स लगाया था। उसके बाद कंस का क्या हुआ, सबको पता है। (दूध-दही पर जीएसटी लगाये जाने के बाद पीएम मोदी पर)
27 जुलाई 2022: उर्दू या हिंदी किसी की जागीर नहीं। पिछले 18 साल में स्कूल से उर्दू नहीं हटा। पुरानी व्यवस्था से की छेड़छाड़, तो गंभीर परिणाम।