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इजरायल ने गाजा पर की ताबड़तोड़ बमबारी, अब कभी भी छिड़ सकती है जमीन पर लड़ाई

तेल अवीव/यरुशलम। फिलिस्तीन के कुख्यात आतंकवादी संगठन हमास के इस महाने की सात तारीख को इजरायल पर किए गए दिल दहला देने वाले हमले से गाजा पट्टी में मरघट जैसा सन्नाटा है। इजरायल की सेना ने कहा है कि तब से इस लड़ाई में उसके देश ने 189 सैनिकों सहित 1,200 से अधिक नागरिकों को खो दिया। इजरायल में घुसे करीब 1,500 हमास आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। गाजा में भी हमास के सैकड़ों आतंकी मारे गए हैं। गाजा के अधिकारियों के अनुसार, उनके 1,417 लोग मारे गए और 6,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स में इजरायल के सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गाजा में अब तक 3,500 से ज्यादा आतंकी ठिकानों पर बम बरसाए गए हैं। इस बमबारी में हमास के एक शीर्ष आतंकवादी और गुर्गों को निशाना बनाया गया। इजरायल के रक्षामंत्री योयेव गैलेंट ने कहा कि हमास गाजा का आईएस है। वह ईरान के पैसों पर फलता-फूलता है। इजरायल उसके एक भी गुर्गे को जिंदा नहीं छोड़ेगा। पिछले शनिवार को हमलावर हमास आतंकवादियों ने नरसंहार के दौरान आईएस के झंडे लहराए थे।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हमास का हर लड़ाका अब ‘मुर्दा’ है। यह आतंकवादी आकाश से पाताल तक कहीं भी छुप जाएं, इनकी मौत होकर रहेगी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गाजा पट्टी पर कभी भी जमीनी लड़ाई छिड़ सकती है। इसके लिए इजरायल की सेना पूरी तरह तैयार है। लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेच ने गुरुवार को स्पष्ट भी किया कि बल ‘जमीनी अभियान की तैयारी कर रहे हैं।’

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा कि आज (शुक्रवार) अमेरिकी सरकार इजरायल से अपने नागरिकों को निकालने के लिए चार्टर उड़ानों की व्यवस्था करेगी। इसके अलावा यह विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं कि क्या अमेरिकी नागरिकों को जमीन और समुद्र के रास्ते भी सुरक्षित स्वदेश लाया जा सकता है। किर्बी ने कहा है कि हमास के हमले में मारे गए अमेरिकी नागरिकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। अभी भी हमारे 14 नागरिक आतंकियों के कब्जे में है।

एक अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चार दशक में पहली बार सब्त (शनिवार) के दिन इजरायल की एलअल एयरलाइन उड़ानों का संचालन करेगी। कहा गया है कि अमेरिका और एशियाई देशों से रिजर्व सैनिकों की वापसी के लिए यह परंपरा तोड़ी गई है। एलअल ने रब्बियों से विशेष मंजूरी के बाद न्यूयॉर्क और बैंकॉक से दो उड़ानों के संचालन करने का फैसला किया है।

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