झारखंड : मतांतरण के खिलाफ 27 नवंबर को रांची में जुटेंगे 30 हजार आदिवासी
- जनजातीय सुरक्षा मंच डीलिस्टिंग को लेकर देशभर में चला रहा अभियान
- लोगों की सूची जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी, ताकि उन्हें हटाया जाए
Insight Online News
रांची। मतांतरण के खिलाफ जनजातीय सुरक्षा मंच द्वारा देशभर में आंदोलन किया जा रहा है। अलग धर्म अपना चुके आदिवासियों को जनजाति को मिलने वाले अधिकार से वंचित करने की मांग की जा रही है। चर्च प्रायोजित मतांतरण को लेकर समाज को जागरूक किया जा रहा है। 27 नवंबर को रांची में बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा। जनजातीय सुरक्षा मंच के केंद्रीय टोली के सदस्य मेघा उरांव के अनुसार आदिवासी डीलिस्टिंग की रैली में करीब 30 हजार आदिवासी शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। 11:00 बजे डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के समीप स्थित ग्राउंड में जुटान होगा।
- 1966 – 67 से मतांतरित लोगों का जनजाति सूची से हटने की हो रही मांग
मेघा उरांव के अनुसार मतांतरित लोगों को जनजाति सूची से हटाने की मांग कार्तिक उरांव ने भी की थी। 1966 से 67 में कार्तिक उरांव ने 225 सांसदों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन तत्कालीन प्रधानमंत्री को सौंपा था। प्रधानमंत्री से मतांतरित लोगों को जनजाति सूची से बाहर करने की मांग की थी। पुनः इस मुद्दे को 1970 में उठाया गया। उस समय 348 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया
- राजनीतिक दलों से मतांतरित को टिकट न देने की अपील
जनजाति सुरक्षा मंच ने राजनीतिक दलों से जनजाति के लिए सुरक्षित सीट से मतांतरित व्यक्ति को टिकट न देने की अपील की है। समाज में ऐसे लोग जो धर्म परिवर्तन के बाद भी जनजाति को मिलने वाले आरक्षण व अन्य लाभ उठा रहे हैं। ऐसे लोगों की सूची बनाकर जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी और उन्हें जनजाति सूची से बाहर करने का ज्ञापन सौंपा जाएगा। आवश्यकता पड़ी तो सुरक्षा मंच के कार्यकर्ता न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा एंगे। वहीं अधिकारियों से भी जनजाति समाज के हक में फैसला करने का अनुरोध किया है।
- रैली को 13 संगठनों ने दिया अपना समर्थन
आदिवासी रैली को 13 संगठनों ने समर्थन दिया है। इसमें अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, जनजातीय विकास परिषद ट्रस्ट, झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति, ट्राईबल एसोसिएशन ऑफ इंडिया, जिला मुखिया संघ, सोनोत संथाल समाज, छोटानागपुर सरना समिति आदि शामिल है।