झारखंड विधानसभा चुनाव: इन 10 सीटों पर होगी NDA और इंडिया गठबंधन में कांटे की टक्कर, जयराम महतो करेंगे ‘खेला’?
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रांची: झारखंड में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव होने वाला है। पिछले 2019 के चुनाव की तुलना में इस बार राज्य में चुनावी समीकरण बदले हुए हैं। एक ओर भाजपा और आजसू का गठबंधन हैं तो दूसरी तरफ ‘इंडिया’ गठबंधन, इस वजह से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो नेता चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से कोल्हान क्षेत्र में भी राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं।
- झारखंड की इन 10 सीटों पर NDA और ‘इंडिया’ में होगी कड़ी टक्कर
झारखंड की राजनीति के जानकारों का मानना है कि राज्य की कम से कम 10 विधानसभा सीटों पर एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। ये वो सीटें हैं, जहां 2019 में तत्कालीन महागठबंधन (अब ‘इंडिया’ गठबंधन) ने जीत हासिल की थी। इन सीटों में बड़कागांव, डुमरी, ईचागढ़, गांडेय, घाटशिला, जुगसलाई, खिजरी, मधुपुर, नाला और चक्रधरपुर शामिल हैं।
- 2019 में भाजपा और आजसू ने अलग-अलग लड़ा था चुनाव
इसके अलावा मांडु, मनोहरपुर, टुंडी, मांडर और जगन्नाथपुर ऐसी सीटें हैं, जहां बदले हुए राजनीतिक समीकरणों के कारण NDA और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा सकता है। दिलचस्प बात यह है कि 2019 में इन 15 सीटों पर अगर भाजपा और आजसू के वोटों को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा महागठबंधन से ज़्यादा होता है। उस समय भाजपा और आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, जिसका फायदा झामुमो और कांग्रेस को मिला था।
जयराम महतो बदल सकते हैं समीकरण
इसके अलावा, लोकसभा चुनाव 2024 में निर्दलीय उम्मीदवार जयराम महतो का प्रदर्शन भी विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सकता है। गिरिडीह लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए जयराम महतो तीसरे स्थान पर रहे थे और उन्हें 3 लाख 40 हजार वोट मिले थे। कुर्मी समाज से आने वाले जयराम महतो की अपने समाज में अच्छी पकड़ देखी जा रही है। यह ध्यान देने वाली बात है कि कुर्मी समाज आजसू का मजबूत वोट बैंक माना जाता है। इसके अलावा, राज्य के युवाओं में भी जयराम महतो की पार्टी झारखंडी भाषा संघर्ष समिति (जेबीकेकेएस) और आजसू की अच्छी पकड़ मानी जाती है।
कुल मिलाकर, झारखंड विधानसभा चुनाव काफी रोमांचक होने वाला है। भाजपा जहां सत्ता में वापसी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगी दल भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स