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झारखंड विधानसभा मानसून सत्र: नियोजन नीति के मुद्दे पर भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा

रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग कर दी। विधायकों ने विधानसभा परिसर में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान हाथों में तख्ती लिए सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे भाजपा विधायकों ने सरकार को नियोजन नीति के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की।

विधानसभा परिसर में प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायक अनंत कुमार ओझा ने कहा कि हेमंत सरकार चुनाव के वक्त राज्य के युवाओं से यह वादा करके आई थी कि पांच लाख नौकरी देंगे। लेकिन सत्ता में बैठते ही यह सरकार अपने इस चुनावी वादे को भूल गई। आज स्थिति यह है कि राज्य के युवा सड़कों पर हैं और आंदोलन कर रहे हैं।

भाजपा विधायक अमित मंडल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नियोजन नीति के मुद्दे पर सरकार ने युवाओं को सिर्फ और सिर्फ ठगने का काम किया है। राज्य में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें कई तरह की खामियां हैं। एक तरफ राज्य में टेट परीक्षा नियमित रूप से नहीं हो रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य के सीटेट पास अभ्यर्थियों को मौका देने से वंचित किया गया है। उनके भविष्य के लिए सरकार को कोई चिंता नहीं है। ऐसे में विपक्ष में होने के नाते भाजपा चुप नहीं बैठेगी।

सदन के बाहर प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायकों में मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, अमर कुमार बाउरी, नारायण दास, अमित मंडल, अनंत ओझा सहित कई विधायक शामिल रहे।

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