Jharkhand : ग्रामीण विकास सचिव ने मनरेगा योजनाओं में शिथिलता पर उप विकास आयुक्तों की कसी पेंच
रांची, 7 दिसंबर । ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग सभागार में मनरेगा योजना की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की गई। बैठक में प्रशांत कुमार ने विभिन्न जिलों में मनरेगा योजनाओं को लेकर कड़ी नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास योजनाओं में उप विकास आयुक्त का महत्वपूर्ण रोल है। आप फ्री हैंड होकर काम करें। लक्ष्य पूरा करने पर ध्यान दें। शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए। शिकायतें मिलने पर कार्रवाई होगी। सचिव ने कहा कि मनरेगा योजना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों के रोजगार का सृजन का सशक्त माध्यम है।
उन्होंने सभी उप विकास आयुक्तों को मनरेगा से संचालित योजनाएं धरातल पर दिखाई दें, इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सचिव ने रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन की समीक्षा की एवं मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं में काम करने वाले श्रमिकों के रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन के कारण होने वाली परेशानी को समझने एवं उनके प्रति संवेदनशील होते हुए अविलंब सुधार करवाने का निर्देश दिया। अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत 75 तालाबों का जीर्णोद्धार और निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए सचिव ने ससमय कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त रूर्बन मिशन की भी समीक्षा की गई।
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने सभी डीडीसी को निर्देश दिया है कि जितने भी जेसीबी का संचालन उनके क्षेत्र में हो रहा है उनसे प्रति माह शपथ पत्र प्राप्त करें कि उनके वाहन का उपयोग मनरेगा के कार्यों में नहीं किया जा रहा है। मनरेगा आयुक्त ने मनरेगा के कार्यों में जेसीबी का इस्तेमाल होने पर सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई तथा जब्ती करने का भी निर्देश दिया।
मनरेगा आयुक्त ने मनरेगा अंतर्गत मानव दिवस सृजन में आवश्यक प्रगति का भी निर्देश दिया। उन्होंने सभी डीडीसी को मानव दिवस सृजन में प्रगति लाने को कहा। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2019-20 की योजनाओं की भी समीक्षा की एवं लंबित योजनाओं को अविलंब पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ ही राज्य में सबसे खराब स्थिति वाले जिलों के पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा।
बैठक में राज्य के उप विकास आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अरुण कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार