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जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा गड़बड़ी मामलाः हाई कोर्ट ने जनहित याचिका की निष्पादित

रांची,07 मई। झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रथम और द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की सीबीआई जांच में धीमी प्रगति के लिए दायर बुद्धदेव उरांव की जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया। सुनवाई के दौरान अदालत ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में आरोप पत्र दायर कर दिया है। प्रार्थी की ओर से भी बताया गया कि याचिका में जो आग्रह किया गया था, वह पूरा हो गया है। दोनों पक्षों को सुनने रके बाद अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दी।

उल्लेखनीय है कि जेपीएससी प्रथम परीक्षा गड़बड़ी मामले में 4 मई 2024 को सीबीआई ने केस नंबर आरसी 5/2012 में सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. दिलीप प्रसाद, वरीय सदस्य गोपाल प्रसाद, सदस्य राधा गोविंद नागेश, सदस्य शांति देवी, परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी सिंह समेत 37 लोगो को आरोपित बनाया था। वहीं, जेपीएससी द्वितीय परीक्षा गड़बड़ी मामले में केस नंबर आरसी 6/2012 में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. दिलीप प्रसाद सहित 70 आरोपितों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

झारखंड में प्रथम और द्वितीय जेपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी की जांच का आदेश झारखंड हाईकोर्ट ने साल 2012 में सीबीआई को दिया था। 12 साल से अधिक समय तक सीबीआई ने मामले की अनुसंधान पूरी कर दोनों मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया। मामले में बुद्धदेव उरांव ने जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय की परीक्षा में अंको की हेरा फेरी और रिजल्ट प्रकाशन में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया था।

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