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जेपीएससी मुख्य परीक्षा के मेरिट लिस्ट को हाई कोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने आयोग से मांगा जवाब

रांची, 11 जून । ग्यारहवीं झारखण्ड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) सिविल सेवा (विज्ञापन 1/ 2024) की मुख्य परीक्षा के मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली राजेश प्रसाद सहित अन्य की याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट में बुधवार को हुई। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपक रोशन की कोर्ट ने जेपीएससी को नोटिस जारी कर कई बिंदुओं पर उससे जवाब मांगा है। कोर्ट ने शपथ पत्र के माध्यम से जेपीएससी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।

दरअसल, प्रार्थियों की ओर से विज्ञापन या नियमों का हवाला देते हुए कहा गया कि उक्त सिविल सेवा परीक्षा में डिजिटल मूल्यांकन किया गया, जबकि इसका कोई प्रावधान नहीं है। इतना ही नहीं, थर्ड पार्टी एजेंसी के माध्यम से मूल्यांकन कराया गया, यह थर्ड पार्टी एजेंसी कौन है? टेंडर कब हुआ? इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

प्रार्थियों की ओर से यह भी कहा गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेज में कार्यरत 10 साल से अधिक अनुभव वाले शिक्षकों या पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री होल्डर शिक्षकों, जिनका अनुभव पांच साल से ज्यादा हो, उनसे कराया जाना था, लेकिन इस परीक्षा में दो साल अनुभव वाले गेस्ट फैकल्टी से उत्तर पुस्तिका की जांच कराई गई। इसलिए मुख्य परीक्षा की मेरिट लिस्ट को खारिज करते हुए दोबारा उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जाए।

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