कर्ण सिंह को खुन्नस में, जबरिया जेल भेजा गयाः सरयू राय
पूर्वी सिंहभूम, 29 मई । जिला पार्षद सदस्य कर्ण सिंह घाटशिला पुलिस ने जेल भेज दिया है। बुधवार की रात कर्ण सिंह और भाजपा के नेता को हिरासत में लिया था। तब रात में ही विधायक सरयू राय अपने समर्थकों के साथ थाना पहुंच कर कर्ण सिंह को बचाने का प्रयास किए थे। लेकिन पुलिस ने विधायक सरयू राय की बात नहीं सुनी। वहीं जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि घाटशिला के जिला परिषद सदस्य करन सिंह को जबरन जेल भेजा गया है। यह लोकतंत्र की हत्या के समान है।
सरयू राय ने कहा कि करन सिंह के खिलाफ मारपीट और रंगदारी मांगने की शिकायत दर्ज कराने वाले सज्जन गुरुवार की सुबह उनके पास आए और कहा कि कर्ण उनके परिचित हैं। उनसे गलतफहमी हो गई थी। वह शिकायत को वापस लेना चाहते हैं।
राय के अनुसार, शिकायत वापस लेने के लिए जब शिकायतकर्ता घाटशिला थाना पहुंचे तो वहां के थानेदार ने एक सिपाही लगा कर शिकायतकर्ता को बाहर भिजवाकर मोबाइल बंद करवा दिया। अब शिकायतकर्ता के परिवार वाले राय को दोपहर से ही फोन पर फोन किये जा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि वो कहां हैं?
राय ने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस का रवैया निहायत ही गैरजिम्मेदाराना है। इस मामले में उन्होंने एक बार से अधिक सीनियर एसपी और ग्रामीण एसपी से बात की, उन्हें सारी बातों से अवगत कराया कि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत वापस लेने को तैयार है, समझौता करना चाहता है तो समझौता करवा दीजिए। पता नहीं पुलिस को क्या खुन्नस थी कि कर्ण को जेल भेज दिया। यह पुलिस मैनुअल के खिलाफ है। पुलिस का काम मुकदमों का निपटारा करना है। पुलिस इस मामले में मुकदमेबाजी को बढ़ा रही है।
सरयू राय ने कहा कि उन्हें इस बात से गहरा सदमा लगा है। जिस तरीके से पूर्वी सिंहभूम जिले में शीर्ष स्तर से लेकर थाना तक के अधिकारियों ने जो व्यवहार किया है, वह हरगिज ठीक नहीं है। ऐसी ही स्थिति रही तो आगे क्या होगा, कहा नहीं जा सकता। पुलिस का आचरण निहायत ही गैर जिम्मेदाराना रहा है। इस घटना के बाद जनप्रतिनिधि डरेंगे, सहमेंगे और आम जनता का मामला लेकर पुलिस-प्रशासन के पास जाने से हिचकेंगे कि कहीं उनके साथ भी ऐसी कार्रवाई न हो जाए। लोगों में भय है। पुलिस को अपना आचरण सुधारना चाहिए। आम जनता के बर्दाश्त के बाहर जब चीजें हो जाएंगी तो बड़ा हंगामा खड़ा हो सकता है।