खेलों की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक बना खेलो इंडिया बीच गेम्स: प्रधानमंत्री मोदी
– पीएम मोदी ने दीव में आयोजित पहले खेलो इंडिया बीच गेम्स को बताया खेलों में नए युग की शुरुआत
– केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किया भव्य उद्घाटन
दीव, 19 मई । भारत के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। देश के पहले खेलो इंडिया बीच गेम्स (केआईबीजी) का भव्य शुभारंभ सोमवार को दीव के घोघला बीच पर हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खेलों की “परिवर्तनकारी शक्ति” को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत के खेल कैलेंडर में उत्साह की नई लहर पैदा करेगा और तटीय क्षेत्रों की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच देगा।
प्रधानमंत्री ने आयोजन स्थल दीव को “उचित चुनाव” बताते हुए कहा, “सूरज, रेत और समुद्र का संगम इन खेलों को न केवल रोमांचक बनाता है, बल्कि यह हमारी समुद्री विरासत का भी उत्सव है। जैसे-जैसे लहरें तटों से टकरा रही हैं, भारत खेलों के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है।”
अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि “खेल संस्कृति राष्ट्रीय गौरव, एकता और युवाओं की आकांक्षाओं को पोषित करती है। खेलो इंडिया बीच गेम्स इसी शक्ति के प्रतीक बनकर उभरे हैं।”
इस आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने किया। उन्होंने कहा, “खेलो इंडिया बीच गेम्स न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि भारत की पहली ‘बीच स्पोर्ट्स क्रांति’ का आरंभ है।”
इस आयोजन में 1350 से अधिक एथलीट अपनी प्रतिभा का मंचन करेंगे। जबकि 30 से अधिक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिभागी इसमें प्रतिस्पर्धा करते दिखेंगे। इस दौरान छह प्रमुख प्रतिस्पर्धी खेल- बीच सॉकर, वॉलीबॉल, सेपक टकरॉ, कबड्डी, पेन्चक सिलाट और ओपन वॉटर स्विमिंग के मुकाबले होंगे। जबकि दो डेमो खेल मल्लखंभ और रस्साकशी को भी इसमें शामिल किया गया है। इस खेल समारोह का समापन 24 मई को होगा।
डॉ मांडविया ने कहा कि “जहां लहरें हों वहां जुनून और जहां रेत हो वहां उत्साह की चिंगारी होनी चाहिए। खेलो इंडिया बीच गेम्स ने यह चिंगारी जलाई है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मोदी सरकार खेलों को केवल उत्सव के रूप में नहीं, बल्कि रोजगार, नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण के अवसर के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि खेल अब “नया सामान्य” बन चुके हैं, और भारत एक फिटनेस-सजग राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।
इस उद्घाटन समारोह में देश की सांस्कृतिक विविधता की झलक देने वाले पारंपरिक नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां भी हुईं। आयोजन में शामिल गणमान्य अतिथियों में दादरा नगर हवेली, दमन और दीव व लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल, पुडुचेरी के उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन, और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डी. के. जोशी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।