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नए खिलाड़ियों के लिए सीखने का बेहतरीन मंच है खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स : सागर जगलान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित किए जा रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 में कुश्ती के 79 किग्रा भार वर्ग का स्वर्ण पदक जीतने वाले हरियाणा के कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के स्टार फ्रीस्टाइल पहलवान सागर जगलान मानते हैं कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स नए खिलाड़ियों के लिए सीखने का बेहतरीन मंच है। आमतौर पर 74 किग्रा भार वर्ग में कुश्ती करने वाले सागर ने कहा कि अच्छी सुविधाओं के बीच आयोजित किए जा रहे इन खेलों में खिलाड़ियों, खासकर पहलवानों को रिकवरी का भी अच्छा समय मिलता है।

पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा ले रहे सागर ने बनारस स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कुश्ती मुकाबले के फाइनल में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के चंद्र मोहन को हराने बाद कहा- मैं पहली बार यूनिवर्सिटी गेम्स में खेला। अच्छा अनुभव था। सुविधाएं अच्छी थीं लेकिन एक पहलवान के लिए डाइट बहुत अच्छी नहीं थी। ये अच्छा प्लेटफार्म है। नए खिलाड़ियों के लिए एक्सपोजर के लिहाज से काफी अच्छा है। पूरी तरीके से नियमों के आधार पर कुश्ती होती है। रिकवरी का भी टाइम मिलता है। नेशनल में बहुत अधिक समय नहीं मिलता लेकिन यहां काफी समय मिलता है। नए बच्चों के लिए बहुत अच्छा है।–

20 साल की आयु में ही सागर भारतीय कुश्ती में बड़ा नाम बनकर उभरे हैँ। ‘फिटली’ या ‘लेग लॉक’ के माहिर माने जाने वाले सागर को 74 किग्रा वेट कैटेगरी पसंद है। ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बाद भारत को इस भार वर्ग में निरंतरता के लिए संघर्ष करना पड़ा है। बीते समय में अपने प्रदर्शन से सागर ने इस भार वर्ग में भारत के लिए संभावनाओं के नए दरवाजे खोले हैं। साथ ही इसने सागर की जिम्मेदारियां बढ़ा दी हैं। इसे लेकर सागर ने कहा,- बड़े खिलाड़ियों की जगह लेना मुश्किल है लेकिन अब जिम्मेदारी आ गई है तो इसे पूरी तरह निभाने का प्रयास करूंगा।-

साल 2021 में हंगरा में आयोजित कैडेट विश्व चैंपियन में 80 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले सागर ने कहा कि इंजुरी के कारण अभी वजन बढ़ गया है लेकिन वह फिर से 74 किग्रा में लौटेंगे। सागर ने इसके अलावा 2022 में बुल्गारिया में आय़ोजित यू20 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। 2022 में सर्बिया में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में वह पांचवें स्थान पर रहे थे।

खरखौदा के प्रताप स्कूल में कुश्ती का पहला पाठ पढ़ने वाले सागर बताया कि उन्होंने अपना पहला मेडल स्कूल नेशनल्स में जो कि दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुआ था, में जीता था। वह गोल्ड मेडल था। सागर ने कहा,- कुश्ती मेरे लिए सबकुछ है। मेरा सपना देश का नाम करना और ओलंपिक में मेडल लाना है।–

मूल रूप से पानीपत के नौल्था गांव में रहने वाले सागर एशियन अंडर-15 कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। सागर ने कहा,-स्कूल नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण के अलावा मेरे पास कैडेट कुश्ती प्रतियोगिता में दो रजत भी हैं। साथ ही मैं दो बार भारत केसरी का खिताब भी जीत चुका हूं। इसके अलावा मैंने 2019 में ताइवान में आयोजित 2019 यू-15 एशियाई चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीता है।–

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