कोलकाता में जन्मे बांग्लादेश के पूर्व अटॉर्नी जनरल आरिफ ढाका में सुपुर्द-ए-खाक
ढाका। बांग्लादेश के पूर्व अटॉर्नी जनरल और अंतरिम सरकार के नागरिक उड्डयन और पर्यटन सलाहकार एएफ हसन आरिफ को आज सुबह 10ः30 मीरपुर शहीद बुद्धिजीवियों के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। उनका गत दिवस इंतकाल हो गया था। उनके सम्मान में आज बांग्लादेश में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
ढाका ट्रिब्यून समाचार पत्र के अनुसार, दिवंगत हसन आरिफ को उनके बेटे मुआज आरिफ और अन्य प्रमुख व्यक्तियों सहित परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में दफनाया गया। आरिफ ने 83 वर्ष की आयु में 20 दिसंबर को राजधानी ढाका के लैबैड अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एएफ हसन आरिफ का जन्म 1941 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपनी माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री और एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। 1967 में कलकत्ता हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में नामांकन कराने के बाद वह पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) चले गए। उन्होंने 1970 में ढाका हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की।
हसन आरिफ सैन्य तानाशाह एचएम इरशाद के शासन के समय अप्रैल 1982 से अगस्त 1985 तक सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में और अगस्त 1985 से मार्च 1996 तक डिप्टी अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया। बाद में उन्होंने अक्टूबर से बीएनपी-जमात-ए-इस्लामी गठबंधन सरकार के दौरान अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया। जनवरी 2008 से जनवरी 2009 तक उन्होंने फखरुद्दीन अहमद के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार के कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य किया। पूर्व अटॉर्नी जनरल ने कई मामलों में मोहम्मद यूनुस का प्रतिनिधित्व किया।