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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से तीन नेशनल हाइवे सहित 415 सड़कें अवरुद्ध, 21 अगस्त से भारी वर्षा का अलर्ट

शिमला। हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से अवरुद्ध सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। हालांकि अभी भी सैकड़ों सड़कों के बंद रहने से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह तक राज्य भर में भूस्खलन से तीन नेशनल हाइवे और 415 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 253 बिजली ट्रांसफार्मर और 107 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंडी जिले में सबसे ज्यादा 217 सड़कें अवरुद्ध हैं। इसी तरह कुल्लू में 67, शिमला में 45, सोलन में 42, हमीरपुर में 14, चम्बा में 10 और बिलासपुर व कांगड़ा में सात-सात सड़कें बंद हैं। मंडी में दो और कुल्लू में एक नेशनल हाइवे भी अवरुद्ध पड़ा है। भारी बारिश से मंडी जिला में 140 ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। कुल्लू में 45, शिमला में 34, चम्बा में 20 हमीरपुर में 12 और कांगड़ा में दो ट्रांसफार्मर खराब हैं। मंडी जिले में पानी की 77 और शिमला में 24 स्कीम ठप हैं।

मौसम विभाग ने 21 से 23 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा लाहौल-स्पीति व किन्नौर को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 26 अगस्त तक राज्य भर में मौसम खराब रहेगा। लोगों व सैलानियों से अपील की गई है कि वे नदी-नालों के किनारों पर न जाएं। साथ ही भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें। राज्य में मानसून से हुए भारी नुकसान को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश को राज्य आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है।

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी। तब से अब तक वर्षा जनित हादसों में 335 लोगों की जान गई है और 37 लापता हैं। इनमें भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 126 लोग मारे गए हैं। अन्य वर्षा जनित हादसों में 209 लोगों की मौत हुई। मानसून सीजन में 2022 मकान, 296 दुकानें और 4453 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हो गईं जबकि 9615 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। बीते करीब दो महीने में राज्य के 113 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 58 स्थानों पर बाढ़ आयी। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 8014 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है।

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