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भारत के विकास को गति दे रहा है मध्यप्रदेश:शाह

भोपाल, 25 फरवरी : केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भोपाल में सम्पन्न दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सिफ मध्यप्रदेश की नहीं, यह देश की उपलब्धि है।
श्री शाह आज यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर में हुई दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये उठाये गये कदम भारत के विकास को भी गति देने का कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश निश्चित ही प्रमुख उद्योग राज्य बनेगा। मध्यप्रदेश में निवेशकों में निवेश करने के प्रति विश्वास बढ़ा है। स्थायी और सशक्त सरकार, पारदर्शी प्रशासन, उपयोगी नीतियां, सहयोगी सामाजिक वातावरण, आर्थिक प्रगति के लिये ऐसे आधार हैं, ‍जो मध्यप्रदेश में मौजूद हैं। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने जनविश्वास अधिनियम, ईज ऑफ डूइंग के माध्यम से पहल की है। निश्चित ही मध्यप्रदेश टॉप एचीवर बनेगा।
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सूत्र वाक्य ‘विरासत भी और विकास भी’ को मध्यप्रदेश चरितार्थ कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष@2047 तक पूर्ण विकसित भारत का संकल्प किया है। भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इसमें मध्यप्रदेश अपना योगदान देते हुए महत्वपूर्ण सहयोगी राज्य सिद्ध होगा। मध्यप्रदेश ने लोकल और ग्लोबल दोनों स्तर पर प्रगति के प्रयासों में सहभागी बनने का सराहनीय कार्य किया है। यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बहुत सफल रही है। इसकी सफलता के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम बधाई और अभिनंदन की पात्र हैं। मध्यप्रदेश में इस समिट में हुए एमओयू जल्द ही मूर्त रूप लेकर प्रदेश के विकास को गति प्रदान करेंगे।
श्री शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. द्वारा किया गया रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का प्रयोग सफल रहा। सम विकास के लिये ऐसे प्रयास आवश्यक हैं। अन्य राज्य भी यह प्रयोग कर सकते हैं। प्रत्येक क्षेत्र में अलग तरह का निवेश संभव होता है। मध्यप्रदेश में फिजीकल पोटेंशियल, सेक्टोरल और ग्लोबल पोटेंशियल के मार्ग प्रशस्त हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी की भावना के अनुरूप मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास का महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सशक्त अधोसंरचना मौजूद है। भूमि, जल और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां कुशल मानव संसाधन की प्रचुरता है। मध्यप्रदेश में मार्केट का एक्सेस और पारदर्शी प्रशासन है। मध्यप्रदेश में स्थिर सरकार, केन्द्रीय भौगोलिक स्थिति, उद्योगों के लिये अनुकूल नीतियां हैं। यहां सभी कुछ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
मध्यप्रदेश उद्योगपतियों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है। मध्यप्रदेश में सर्वाधिक खनिज संसाधन उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश देश की कॉटन केपिटल है। यहां देश के कपास उत्पादन का एक चौथाई ऑर्गेनिक फार्म में होता है। मध्यप्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। यह अत्यंत सराहनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है। मध्यप्रदेश तेजी से औद्योगिक विकास की उपलब्धि प्राप्त करेगा।
आज सम्पन्न समिट में 200 से अधिक संस्थानों के प्रतिनिधि, 60 देशों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में प्रतिभागी शामिल हुए। कई विभागीय सम्मेलन और सेक्टोरल सत्र भी समिट में सम्पन्न हुए हैं। यह मध्यप्रदेश की ग्लोबल उपस्थिति का परिचायक है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री श्री शाह के जीआईएस के समापन सत्र में आने के लिए उनका अभिनंदन करते हुए कहा कि कल प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा जीआईएस का शुभारंभ और आज गृह मंत्री श्री शाह द्वारा समापन से मध्यप्रदेश ने देश के कुशल नेतृत्व का मार्गदर्शन प्राप्त किया है। उन्होंने इसके लिए मध्यप्रदेश की जनता की ओर से आभार जताया। उन्होंने निवेशकों से कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश में औद्योगीकरण और निवेश को लेकर एक सकारात्मक माहौल बना है। मप्र में पर्याप्त जल, जंगल, जमीन, बिजली, लैंड बैंक और निवेश के लिये अनुकूल वातावरण बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में एक वर्ष पहले क्षेत्रीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) की शुरुआत की थी, ताकि संभाग स्तर पर औद्योगीकरण और निवेश को और अधिक बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आरआईसी के बहुत अच्छे परिणाम हमें मिले हैं। आरआईसी में किए गए प्रयासों का प्रतिफल हमें जीआईएस में मिला है। हमने मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने और निवेशकों का हौसला बढ़ाने के लिए निवेश नीतियों में कई बदलाव किए हैं। हमारी नई निवेश नीतियों की सभी ने सराहना की है। हमारी सरकार ने वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है। टेक्सटाइल, फार्मा और ऑटो उद्योग में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। विकास का इस कारवां में हम लगातार आगे बढ़ते रहेंगे।
डॉ. यादव ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 100 से अधिक एक्सपटर्स और उद्योगपतियों सहित करीब 25000 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। इसमें 60 से अधिक देशों के निवेशक डेलीगेट भोपाल आए। जीआईएस करीब 5000 बिजनेस-टू-बिजनेस और 600 बिजनेस-टू-गर्वनमेंट मीटिंग्स आयोजित हुई। उन्होंने बताया कि अब तक सरकार को 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। विभिन्न एमओयू साइन किये गये। प्रदेश सरकार अपने प्रयासों को धरातल पर उतरने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार यहां के युवाओं, किसानों, महिलाओं और सभी प्रकार के संभावित क्षेत्रों में विकास के इस अभियान को जारी रखेगी।
डॉ. यादव ने पिछले वर्ष लागू किए गए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश में किए गए नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में हम सभी नए आपराधिक कानून सुधारों को पूरी तरह लागू कर मध्यप्रदेश को देश में सबसे अच्छी कानून व्यवस्था वाले राज्य के रूप में प्रतिष्ठित कर देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में हम गृह मंत्री श्री शाह के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में बेहतर काम करने का प्रतिबद्धता पूर्वक प्रयास कर रहे हैं।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने दो दिवसीय जीआईएस का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जीआईएस में 50 देशों के 25 डेलिगेट्स भोपाल आए। 10 केंद्रीय मंत्री भोपाल और 6 केंद्रीय सचिवों ने भी भागीदारी की। प्रधानमंत्री ने समिट का शुभारंभ कर हम सबका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई 18 नवीन नीतियों का लोकार्पण भी किया। उन्होंने निवेशकों से आव्हान किया कि मप्र सरकार की इन नीतियों का गहनता से अध्ययन कर लें और सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाएं। श्री मोदी ने टेक्सटाइल टूरिज्म और टेक्नोलॉजी सेक्टर पर फोकस करने के लिए कहा है। 78000 करोड़ का कमिटमेंट इन्वेस्टमेंट का टेक्नोलॉजी सेक्टर में प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश में टूरिज्म की बहुत संभावना है। टूरिज्म क्षेत्र में 65000 करोड़ के इन्वेस्टमेंट प्राप्त हुए हैं। टेक्सटाइल सेक्टर में मध्यप्रदेश को केंद्र की ओर से धार में एक टेक्सटाइल प्रोजेक्ट मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि समाज में सरकार का हस्तक्षेप कम होना चाहिए। मध्यप्रदेश शासन की इन नीतियों का मुख्य लक्ष्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर है। टूरिज्म सेक्टर में बहुत अच्छा काम किया है पहले इस सेक्टर में कार्य करने के लिए 30 अनुमतियां लगती थी अब उन्हें घटकर 10 कर दिया गया है। इन सभी नीतियों को हम पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट में अधिसूचित करेंगे।
मुख्य सचिव श्री जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश में एक नया अधिनियम बनाया गया है ‘उद्योग की कल्पना एवं परिसंचालन’ यह मध्यप्रदेश सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है। देश के कई राज्यों की तुलना में हमारा इन्वेस्टमेंट पोर्टल यूजर फ्रेंडली है डेलिगेट्स ने इसकी तारीफ की है। इसे और यूजर फ्रेंडली बनाने पर काम जारी है। जैसे ही कोई इन्वेस्टर मध्य प्रदेश में आता है आप अधिकारी उसे चेंज करेंगे कि कैसे वह निवेश लक्ष्य तक पहुंचे। एक से डेढ़ महीने के अंदर सारे नोटिफिकेशंस जारी हो जाएंगे। हम जिला स्तर पर सेल बनाकर आपत्तियों को हल करेंगे। मध्यप्रदेश देश में तेजी से बढ़ता प्रदेश है।
इस अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल सहित डाबर कम्पनी लिमिटेड के मोहित माथुर, अडानी ग्रुप के राजेश अडानी, सिद्धार्थ जैन, सुश्री स्वाति, एसके अग्रवाल, श्री थॉमस चेरियन एवं अन्य उद्योगपति मंचासीन थे।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्यमंत्री डॉ यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह को अंगवस्त्रम उड़ाकर बाबा महाकाल (शिवलिंग) की प्रतिकृति भेंट की। उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नायडू को भी अंगवस्त्रम उड़ाकर गोंड चित्रकला की पेंटिंग भेंट की।

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