Maldives के पास सैलरी देने के लिए नहीं बचे पैसे, भारत से दुश्मनी मुइज्जू को पड़ी भारी, कर्ज लेने के लिए मजबूर
माले। भारत से दुश्मनी करके चीन परस्त मोहम्मद मुइज्जू ने पर्यटन का स्वर्ग कहे जाने वाले देश मालदीव का बेड़ा गर्क कर दिया है। मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद मालदीव अपने बुरे दौर से गुजर रहा है। देश की आर्थिक व्यवस्था इस कदर चरमरा गई है कि सरकारी कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं। मालदीव के समाचार पोर्टल अधाधू की रिपोर्ट के मुताबिक, मुइज्जू सरकार ने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए बैंक ऑफ मालदीव से 800 मिलियन का कर्ज लिया है।
अधाधू ने अपनी रिपोर्ट में एक विश्वसनीय स्रोत के हवाले से लिखा कि राष्ट्रीय बैंक ने मालदीव के वित्त मंत्रालय को 800 मिलियन एमवीआर का कर्ज जारी किया है। अधाधू ने ये भी बताया कि यह कर्ज सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए लिया है। इस बीच विशेषज्ञों ने मालदीव की आर्थिक स्थिति को लेकर चेतावनी दी है। यह खबर ऐसे समय में आई है, जब भारत ने 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज अदायगी के समय में एक साल की मोहलत दी है।
- भारत ने कर्ज चुकाने में दी मोहलत
मालदीव को पिछले महीने ही 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज का भुगतान करना था, लेकिन आर्थिक संकट के चलते मालदीव के राष्ट्रपति मो मुइज्जू ने भारत सरकार से मोहलत देने की गुहार लगाई थी। इसी साल जून महीने में मुइज्जू सरकार ने वित्तीय संकट को दूर करने के लिए खर्च में कटौती करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि ‘हमने राज्य के खर्च को कम करने के लिए कई उपायों को लागू करने का फैसला लिया है.’ इसमें राजनीतिक पदों को कम करना, लागत कम करना और विभिन्न अवसरों पर होने वाले समारोहों को न करने का फैसला शामिल था।
- मालदीव में आर्थिक संकट का कौन जिम्मेदार?
दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि मालदीव में आर्थिक संकट पैदा होने के पीछे सरकारी खर्च में वृद्धि है. राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही मुहम्मद मुइज्जू ने तुर्की से 37 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ड्रोन खरीदा था। इस साल की शुरुआत में मालदीव ने भारत को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज को ब्याज सहित चुकाया था, जबकि उस समय इसे चुकाने की बाध्यता नहीं थी।