EnglishNationalNewsPolitics

ममता बनर्जी ने साहित्यकार ताराशंकर बंद्योपाध्याय को दी श्रद्धांजलि, कहा- उनकी रचनाएं बंगाल की अमूल्य धरोहर

Insight Online News

कोलकाता, 23 जुलाई : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को महान बांग्ला साहित्यकार ताराशंकर बंद्योपाध्याय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बुधवार सुबह मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी श्रद्धा निवेदित करते हुए लिखा कि बंद्योपाध्याय की साहित्यिक रचनाएं बांग्लाभाषियों के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद बीरभूम जिले के लाभपुर स्थित बंद्योपाध्याय के पैतृक निवास ‘धात्रिदेवता’ का जीर्णोद्धार कराया गया है। उन्होंने कहा, “महान साहित्यकार ताराशंकर बंद्योपाध्याय की जयंती पर मैं बांग्ला भाषा और साहित्य में उनके योगदान के लिए हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। ‘गणदेवता’, ‘पंचग्राम’, ‘धात्रिदेवता’, ‘हंसुली बांकेर उपकथा’, ‘कवि’ जैसी उनकी कृतियां बांग्ला साहित्य में अमर हो चुकी हैं।”

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि लाभपुर और मयूरेश्वर-2 ब्लॉक को जोड़ने वाले मयूराक्षी नदी पर बने गुनुतिया पुल का नाम ‘ताराशंकर सेतु’ रखा गया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी उनके योगदान को याद रख सकें।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल बांग्ला अकादमी की ओर से ताराशंकर बंद्योपाध्याय की आत्मकथा ‘आमर साहित्य जीवन’ का पुनर्प्रकाशन भी किया गया है।

ताराशंकर बंद्योपाध्याय का जन्म 1898 में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में 65 उपन्यास, 53 कहानी-संग्रह, 12 नाटक, चार आत्मकथाएं और अनेक गीतों की रचना की। उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें रवींद्र पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किए गए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “ताराशंकर बंद्योपाध्याय का नाम बांग्लाभाषियों की स्मृति में हमेशा जीवित रहेगा। उन्होंने बांग्ला साहित्य को जो समृद्धि दी, वह अमूल्य है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *